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MGNREGA Wage Rates: चुनाव से पहले सरकार का तोहफा, मनरेगा का रेट बढ़ा, अब मजदूरों को मिलेगा ज्यादा पैसा

MGNREGA Wage Rates: Government's gift before elections, MNREGA rates increased, now workers will get more money

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MGNREGA Wage Rates: केंद्र सरकार ने मनरेगा (MGNREGA) के तहत मिलने वाली मजदूरी का रेट बढ़ा दिया है। फाइनेंशियल ईयर 2025 के लिए इस योजना के तहत मजदूरी में औसतन 28 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। फाइनेंशियल ईयर 2025 में यह औसतन 289 रुपये है जबकि पिछले फाइनेंशियल ईयर में इसका औसत 261 रुपये था। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस बारे में एक अधिसूचना जारी की है।

फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के आंकड़ों के मुताबिक मनरेगा योजना में 14।34 करोड़ एक्टिव वर्कर्स हैं। मनरेगा का मकसद ग्रामीण इलाकों में लोगों को साल में कम से कम 100 दिन का काम मुहैया कराना है। मनरेगा मजदूरों के लिए नई वेतन दरें 1 अप्रैल, 2024 से लागू होंगी।

MGNREGA Wage Rates: चुनाव से पहले सरकार का तोहफा, मनरेगा का रेट बढ़ा, अब मजदूरों को मिलेगा ज्यादा पैसा

1 अप्रैल से लागू होंगी नई दरें

वित्त वर्ष 2025 में अब यह औसतन 289 रुपये है, जबकि बीते फाइनेंशियल ईयर में इसका औसत 261 था। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी है। मनरेगा मजदूरों के लिए नई वेतन दरें 01 अप्रैल 2024 से लागू की जाएगी।

यहां देखें पूरी लिस्ट

साल 2005 में की गई थी शुरुआत

मनरेगा (MGNREGA) प्रोग्राम की शुरुआत साल 2005 में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा की गई थी। ये रोजगार गारंटी योजना हैं और इसके तहत सरकार ने एक न्यूनतम वेतन तय करती है, जिस पर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को काम पर रखा जाता है। इसमें तालाब, गड्ढे खोदने से नालियां बनाने तक के काम शामिल होते हैं। इसमें सालभर में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जाती है।

MGNREGA Wage Rates: चुनाव से पहले सरकार का तोहफा, मनरेगा का रेट बढ़ा, अब मजदूरों को मिलेगा ज्यादा पैसा
Credit – Social Media

क्या है मनरेगा? (MGNREGA Wage Rates)

ग्रामीण विकास मंत्रालय के जरिए मनरेगा कार्यक्रम की शुरुआत 2005 में की गई। इसकी गिनती दुनिया के सबसे बड़े रोजगार गारंटी योजनाओं में से एक के तौर पर होती है। इस योजना के तहत सरकार ने एक न्यूनतम वेतन तय किया हुआ है, जिस पर ग्रामीण इलाकों के लोगों को काम पर रखा जाता है। मनरेगा के तहत करवाए जाने वाले काम अकुशल होते हैं, जिसमें गड्ढे खोदने से लेकर नाली बनाने जैसे काम शामिल हैं। योजना के तहत एक साल में 100 दिनों के रोजगार की कानूनी गारंटी मिलती है।

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