Not Use Plastic Glasses : अब भंडारों में नहीं उपयोग होंगे प्लास्टिक ग्लास, स्टील के ग्लास मुहिम का हुआ शुभारंभ
Not Use Plastic Glasses: Now plastic glasses will not be used in stores, steel glasses campaign launched
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Not Use Plastic Glasses : बैतूल। विवाह, भंडारों और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में सिंगल यूस प्लास्टिक ग्लास का उपयोग बड़ी तादाद में किया जा रहा है। जो पर्यावरण के साथ मानव स्वास्थ्य के लिए भी घातक है। नालियां इनके कारण चोक होती है गौमाता पन्नियां खाकर मर रहीं हैं और विज्ञान ने भी यह प्रमाणित किया है कि सिंगल यूस प्लास्टिक मानव स्वास्थ्य के लिए घातक है। यहां तक के इससे कैंसर जैसी असाध्य बीमारियां हो सकती हैं।
इसी उद्देश्य को लेकर ने जयनारायण सर्वोदय विद्यालय ‘धारोंदा’ के संस्थापक स्व.अविनाश पाटनकर की पुण्यतिथि में और रामनवमी के उपलक्ष्य में विद्यालय समिति ने सिंगल यूस प्लास्टिक से निजात पाने का अनोखा उपाय ढूंढा है।
Not Use Plastic Glasses : अब भंडारों में नहीं उपयोग होंगे प्लास्टिक ग्लास, स्टील के ग्लास मुहिम का हुआ शुभारंभ
प्लास्टिक के ग्लिास से मुक्ति पाने अनुठा अभियान
समिति की कुरूणा ताई देशमुख और हेमलता पाटनकर ने बताया कि बुधवार को दत्त मंदिर को स्टील के 300 और बीजासन माता मंदिर को 200 गिलास भेंट किए गए। इसके पीछे मंशा है कि स्टील के ग्लास का अनेकों बार उपयोग कर और उन्हें धोकर पुन: उपयोग किया जा सकता है। जिससे सिंगल यूज प्लास्टिक के ग्लास से मुक्ति मिलेगी। सहयोगी संस्था 75 कदम के बबलु दुबे ने बताया कि समारोह और भंडारों में भोजन के पश्चात में सिंगल युज प्लास्टिक ग्लास कचरे में फेंक दिए जाते हैं। एक ग्लास डिस्पोज होने के लिए लगभग 400 वर्ष का समय लेता है।
सिंगल युज प्लास्टिक पानी, हवा, जमीन आदि को प्रदूषित करते हैं। हमारे पूर्वज भी पानी पीने के लिए बार-बार उपयोग में आने वाले धातु से बने बर्तन को काम में लाते थे। उन्होने आग्रह किया कि भंडारे आदि समारोह में व्यक्ति अपना ग्लास साथ रखे तो बहुत सा प्रदुषण कम किया जा सकता है। हम खुद भी अपना ग्लास साथ रखकर उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण के कार्य में सहयोग बनें।
निरंतर चलेगा अभियान
समिति से जुड़े दीपक आम्बेकर ने बताया कि एक घर-एक गिलास अभियान प्रारंभ किया जाएगा। जिस वार्ड में मंदिर समिति, मस्जिद, चर्च कमेटी, गुरूद्वारा कमेटी है। या अन्य सामाजिक पर्यावरण समिति है वह अपने वार्ड के प्रत्येक घर से एक स्टील का गिलास समिति के दान का अनुरोध करेगा।
इस प्रकार हम धरती, नदी और मानव स्वास्थ्य की सेवा में अपना सकारात्मक योगदान धरती और नदी को पॉलिथीन प्लास्टिक मुक्त करते हुए कैंसर मुक्त बैतूल की परिकल्पना को साकार और मूर्त रूप दे सकते हैं। इस अवसर पर हेमंत देशपांडे, रमेश भाटिया, प्रभु लोहकरे, सुनील हिराणी, अर्चना आम्बेकर, प्रथा दुबे, डॉ.विजय अरोरा, समीर आम्बेकर, शरद सप्तपुत्रे, श्रीरंग आम्बेकर, पारस भोपते, परवेस कावरे, आरके सोनी, बाबा माकोड़े आदि मौजूद थे।
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