Betul Hospital News: बैतूल जिला अस्पताल में बीती रात बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां रात 12 बजे से लगभग 45 मिनट जिला चिकित्सालय अंधेरे में डूबा रहा। ऑटो जनरेटर चालू न होने से कई आपातकालीन सेवाओं पर इसका असर पड़ा है। सीएस ने आज इस मामले में अस्पताल मैनेजर और इलेक्ट्रिशियन को नोटिस जारी किया है।
जिला अस्पताल में नया भवन बनने के बाद यहां बिजली की समुचित व्यवस्था के लिए लाखो रुपए के आटो जनरेटर इंस्टाल किए गए है।इसके अलावा तीन अन्य जनरेटर भी यहां है।लेकिन बीती रात तेज हवाओं के साथ जमकर बारिश शुरू हुई तो बैतूल जिला चिकित्सालय में पावर कट हो गया।
यहां रात करीब 12 बजे लाइट चली गई। जिसके चलते पूरा बैतूल जिला चिकित्सालय परिसर अंधेरे में डूब गया। यह हालात यहां करीब 45 मिनट तक बने रहे। इससे आईसीयू, एसएनसीयू, पीआईसीयू समेत वार्डों में अंधेरा छा गया। मरीज और उनके परिजन अचानक अंधेरा छाने से परेशान हो गए। शिशुओं के वार्ड एसएनसीयू में इससे हड़कंप मच गया।
Betul Hospital News: बैतूल जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही, सीएस ने जारी किया नोटिस
ऑटो जनरेटर शुरू नहीं हो सका
बताया जा रहा है कि यहां पर लाखों की लागत का एक ऑटो जनरेटर लगाया गया है। जो बिजली जाते ही तुरंत शुरू हो जाता है। लेकिन बीती रात यह ऑटो जनरेटर शुरू ही नहीं हो सका। बिजली जाने के समय इलेक्ट्रीशियन भी मौके पर मौजूद नहीं था। जिसके कारण इसे शुरू भी नहीं कराया जा सका।
जिला अस्पताल में तैनात इलेक्ट्रीशियन किशोर बिहारिया के मुताबिक, करीब 45 मिनट बिजली बंद रही। ऑटो जनरेटर में टेक्निकल समस्या की वजह से ऐसा हुआ। इसे सुधारने के लिए जिस व्यक्ति को रखा गया है। उसे यहां पहुंचने में ही 15 से 20 मिनट का समय लग गया।
जबकि सुधार काम करते-करते उसे 15 से 20 मिनट और लग गए। जिसकी वजह से करीब 45 मिनट जिला अस्पताल में बिजली बंद रही। अभी भी ऑटो जनरेटर सुधार नहीं जा सका है। जिसे सुधारने के प्रयास किया जा रहे हैं। हालांकि अन्य जनरेटर की मदद से बिजली आपूर्ति शुरू कर दी गई है।
लापरवाही पर नोटिस जारी (Betul Hospital News)
जिला अस्पताल प्रबंधन ने रात को हुए ब्लैकआउट को गंभीरता से लिया है। प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर जगदीश घोरे ने इस पर अस्पताल के मैनेजर और इलेक्ट्रीशियन के अलावा दो कर्मचारियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया है।
उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है कि आखिर जनरेटर स्टार्ट क्यों नहीं हो सका और इसके शुरू होने में विलंब की वजह क्या है। डॉक्टर घोरे ने बताया कि जनरेटर के स्विच का कोई फाल्ट हुआ था। जिसकी वजह से यह शुरू नहीं हो सका था। अभी मॉक ड्रिल करवा कर पूरी व्यवस्थाओं को जांचा गया है और निर्देश दिए गए हैं कि एक इलेक्ट्रिशियन रात में भी ड्यूटी पर तैनात रहे हैं। ताकि ऐसी हालत में वह तुरंत स्थितियों को संभाल सके।
कर्मचारियों की कमी से ही रही समस्या
जिला अस्पताल के मैनेजर शिवेंद्र आम्बुलकर ने बताया कि बिजली समस्या को दुरुस्त रखने के लिए उन्होंने कई बार उच्च स्तर पर पत्र लिखा है ।यहां ऑटो कट जनरेटर लगाने के लिए पत्र भी भेजे गए हैं। लेकिन इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उनके पास मौजूदा समय में एकमात्र स्थाई इलेक्ट्रीशियन है।
जबकि 2 लोगों को आरकेएस से रखा गया है। आने वाले समय में इस तरह की स्थिति न बने, इसे लेकर भी प्रयास किया जा रहे हैं। जिला अस्पताल में फिलहाल 12 जनरेटर है। जिनमें से सात काम रहा है।
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