Betul Ki Taza Khabar : जन साहस संस्था के प्रयास से बंधुआ मजदूरी से मुक्त हुए भीमपुर ब्लॉक के मजदूर
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Betul Ki Taza Khabar : (बैतूल)। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में बंधुआ मजदूरी कर रहे भीमपुर ब्लॉक के 8 मजदूर एवं 3 बच्चे जन साहस संस्था के प्रयास से बंधुआ मुक्त होकर सोमवार को सकुशल अपने घर पहुंच गए। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में मजदूरों के बयान लेकर उन्हें सकुशल उनके घर भिजवा दिया गया है।
संस्था की जिला समन्वयक पल्लवी टाकरकर ने बताया कि जन साहस के हेल्पलाइन नंबर पर फोन आने के बाद जन साहस की टीम ने पूरी जानकारी जुटाई और मजदूरों को उनके गांव भेजने के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से आगे की कार्यवाही की गई। मजदूरों को सकुशल वापस लाने में जन साहस संस्था के रामचंद्र चिल्हाटे, पंकज यादव, वर्षा सलामे, निरीक्षक चंद्रप्रकाश बंसोड़, वन स्टॉप सेंटर की शिखा भौरासे, पुलिस थाना महोदा से एसआई केडिया धुर्वे की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पल्लवी टाकरकर ने बताया कि प्रशासन से इन मजदूरों के पुनर्वास की मांग की जाएगी ताकि इन्हें रोजगार के लिए भटकना न पड़े।
मजदूरों ने बयां किया अपना दर्द
मुक्त होने के बाद मजदूरों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि स्थानीय एजेंट ने उन्हें झांसा देकर महाराष्ट्र के कोल्हापुर गन्ना कटाई के कार्य के लिए ले गया था। कोल्हापुर जाने के पूर्व उन्हें वेतन के साथ ही निशुल्क रहने खाने की व्यवस्था की बात कही गई थी। कोल्हापुर में उनसे 12 घंटे गन्ना कटाई का काम लिया जाता था साथ ही खाना भी सही समय पर नहीं दिया जाता था। इतना ही नहीं, मजदूरी के बदले एक भी रुपया नहीं दिया जाता था। मजदूरो ने मुक्त करवाने के लिए जन साहस संस्था को धन्यवाद दिया है।
इन मजदूरों को करवाया मुक्त
बंधुआ मजदूरी से मुक्त हुए मजदूरों में ममताबाई पति साहेबराम मावस्कर, सायबू पिता छोटेलाल मावस्कर, विनोद पिता केशरसिंह कास्देकर, रिंकी पति नंदू पांसे, देवेन्द्र पिता मोतीलाल कास्दे, नंदू पिता गेंदालाल पांसे अनिता पति शांतिलाल कास्दे, किरण पिता केशरसिंह कास्देकर सहित दो बच्चे सारिका पिता साहेबराव मावस्कर 4 वर्ष, अजय पिता साहेबराव मावस्कर 7 वर्ष शामिल है। उल्लेखनीय है कि मजदूरी के लिए दूसरे प्रदेशों में जाने वाले ग्रामीण मजदूर अक्सर बंधुआ मजदूरी का शिकार हो जाते है। इस परेशानी से मजदूरों को बचाने जन साहस संस्था विगत कई वर्षों से जिले में कार्य कर रही है। जन साहस संस्था सैकड़ों मजदूरों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त करवाने में सफल हुई है।
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