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Betul Ki Taza Khabar: 11 माह के थैलेसीमिया पीड़ित मासूम के लिए आकाश ने दिया रक्त

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Betul Ki Taza Khabar: 11 माह के थैलेसीमिया पीड़ित मासूम के लिए आकाश ने दिया रक्त

Betul Ki Taza Khabar:(बैतूल)। बच्चों को माता-पिता से अनुवांशिक तौर पर मिलने वाला रक्त-रोग थैलेसीमिया है। इस रोग के होने पर शरीर की हीमोग्लोबिन निर्माण प्रक्रिया में गड़बड़ी हो जाती है जिसके कारण रक्तक्षीणता के लक्षण प्रकट होते हैं। इसकी पहचान तीन माह की आयु के बाद ही होती है। इसमें रोगी बच्चे के शरीर में रक्त की भारी कमी होने लगती है जिसके कारण उसे बार-बार बाहरी खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है।

जिला चिकित्सालय में भर्ती भीमपुर विकासखण्ड के कामोद के 11 माह के नयन को थैलेसीमिया के कारण रात्रि में अति आवश्यकता होने पर एबी पॉज़िटिव रक्त की आवश्यकता पड़ी ऐसे में नयन के पिता बहुत परेशान हुए। उन्होंने शैलेन्द्र बिहारिया से संपर्क किया तो रात्रि में एक फोन पर आकाश बारस्कर ने 11वी बार एबी पॉजिटिव रक्त का दान गत रात्रि को किया। इस पर माँ शारदा सहायता समिति व ताप्ती आनंद क्लब के शैलेन्द्र बिहारिया, श्रीमती प्रीति बिहारिया, ब्लड बैंक के राजेश बोरखडे, लेब टेक्निशियन अजय साहू, निवारे ने विद्या का पौधा देकर रात्रि को उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर रक्तदाता आकाश ने कहा कि रक्तदान से बढ़कर कोई सेवा कार्य नहीं है।

इस अवसर पर शैलेन्द्र बिहारिया ने कहा कि थैलेसीमिया दो प्रकार का होता है। यदि पैदा होने वाले बच्चे के माता-पिता दोनों के जींस में माइनर थेलेसीमिया होता है, तो बच्चे में मेजर थेलेसीमिया हो सकता है, जो काफी घातक हो सकता है। किन्तु पालकों में से एक ही में माइनर थेलेसीमिया होने पर किसी बच्चे को खतरा नहीं होता। यदि माता-पिता दोनों को माइनर रोग है तब भी बच्चे को यह रोग होने के 25 प्रतिशत संभावना है। अतः यह अत्यावश्यक है कि विवाह से पहले महिला-पुरुष दोनों अपनी जांच करा लें अर्थात विवाह में जिस प्रकार जन्मकुंडली का मिलान किया जाता है उससे महत्वपूर्ण है स्वास्थ्य कुंडली का मिलान करना। थैलेसीमिया की बीमारी पर अंकुश लगाने सरकार स्वास्थ्य कुंडली विवाह से पूर्व मिलान अनिवार्य करें।

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