UPSC Free Coaching : बैतूल। जिले के प्रतियोगी परीक्षाओं और आईएएस की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए सुनहरा अवसर आया है। कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस के नवाचार व संवेदनशील प्रयास और विजन आईएएस की निर्देशक सुश्री दीपाली चतुर्वेदी की पहल के फलस्वरूप यह प्रयत्न पहल होने जा रही है। यूपीएससी की तैयारी करने वाले विद्यार्थी वेबसाइट
http://www.visionias.in/prayatna/betul/ पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। साथ ही परीक्षा और पाठ्यक्रम के बारे में भी जानकारी देख सकते हैं। वस्तुनिष्ठ परीक्षा 16 जुलाई को आयोजित की जाएगी।
इन केंद्रों पर होगी परीक्षा
यह परीक्षा जिन केन्द्रों पर होगी उनमें जेएच कॉलेज बैतूल, उत्कृष्ट विद्यालय बैतूल, हायर सेकेंडरी स्कूल शाहपुर, हायर सेकेंडरी स्कूल बीजादेही, हायर सेकेंडरी स्कूल चिचोली, हायर सेकेंडरी स्कूल चिरापाटला, उत्कृष्ट विद्यालय घोड़ाडोंगरी, हायर सेकेंडरी स्कूल चोपना, हायर सेकेंडरी स्कूल मुलताई, हायर सेकेंडरी दुनावा, हायर सेकेंडरी स्कूल (सीएम राइज) आमला, हायर सेकेंडरी बोरदेही, उत्कृष्ट विद्यालय प्रभात पट्टन, हायर सेकेंडरी घाट बिरोली, सीएम राइज स्कूल भैंसदेही, हायर सेकेंडरी सावलमेंढा, हायर सेकेंडरी हिड़ली, उत्कृष्ट विद्यालय आठनेर, हायर सेकेंडरी स्कूल बालक भीमपुर, हाई सेकेंडरी स्कूल नांदा एवं हायर सेकेंडरी स्कूल दामजीपुरा शामिल हैं। साक्षात्कार प्रक्रिया के संबंध में जानकारी पृथक से दी जाएगी।
यहां होगा समस्या का समाधान
किसी भी प्रश्न के समाधान के लिए [email protected] पर मेल कर सकते हैं। यहां यह स्पष्ट किया जाता है कि रजिस्टे्रशन वेबसाइट http://www.visionias.in/prayatna/betul / पर ही कराए जा सकेंगे। जिले में साक्षात्कार प्रक्रिया के उपरांत टॉप 50 चिन्हित विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग की सुविधा बैतूल में ही मुहैया हो सकेगी। रजिस्ट्रेशन 12 जुलाई तक कर सकते हैं।
कोचिंग दिए जाने का यह है उद्देश्य
प्रयत्न विजन आईएएस (यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शोध और प्रशिक्षण में शामिल दिल्ली स्थित संस्था) की एक सीएसआर पहल है, जिसके द्वारा विजन आईएएस देश के विभिन्न राज्यों में सुदूर जिलों तक पहुंचता है और अपने समर्पित साधनों, व्यक्तिगत शिक्षण पद्धति और मेंटरिंग कार्यक्रम से यूपीएससी आप सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह कार्यक्रम उन प्रतिभाशाली परंतु अभी तक सफल न हुए उम्मीदवारों पर भी ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करता है, जो संसाधनों की कमी और अन्य सामाजिक-आर्थिक बाधाओं ही एक के कारण महानगरीय शहरों और उत्कृष्टता के संस्थानों तक पहुंच में सक्षम नहीं हैं।