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Betul Today News : (बैतूल)। श्री विश्कर्मा मंदिर में चल रही श्री शिव महापुराण में चौथे दिन भगवतभूषण आचार्य पुष्कर परसाई ने कथा के प्रारम्भ में कामदेव के बारे में बताया। भगवान ब्रम्ह देव द्वारा दिये गए पाँच बाणों की कथा और ब्रम्हदेव के श्राप का वर्णन किया। उसके बाद भगवान ब्रम्ह की पुत्री देवी संध्या द्वारा भगवान शिव की स्तुति कर उनसे मांगे वर पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मनुष्य को शैशव अवस्था में कामदेव का कोई प्रभाव नही पड़ेगा।
भगवान ने स्वयं कहा है जिसका मन निर्मल होगा , उन्हें मैं आसानी से दर्शन दूंगा। जब मन निर्मल होगा तो, भगवान की प्राप्ति सरल होगी। इसलिए बच्चो को बचपन से ही भक्ति में लगाना चाहिए। महाराज जी द्वारा संध्या काल में निषेध विषयो के बारे में बताया कि हमे संध्या के समय भोजन , स्वाध्याय ,स्नान और सोने का कार्य नही चाहिए । यदि कोई शिवपुराण का श्रवण मात्र कर लेता है तो उसके सारे पाप कट जाते है । जिस पर भगवान भोलेनाथ की कृपा होती है, वो ही शिवपुराण सुनने आता है।
आचार्य द्वारा बताया गया कि सनातन धर्म मे गुरुदीक्षा और विवाह एक ही बार होता है। हमारे धर्म में तलाक जैसा कोई शब्द नही होता है। भगवान का स्मरण किसी भी स्थिति में किया जा सकता है। आप सच्चे मन से भगवान की भक्ति करते हो तो भगवान किसी भी रुप में आकर आपको दर्शन दे देते है। त्रेतायुग में भगवान सपत्नीक कथा सुनने कैलाश से पधारे थे। कभी भी कथा सुनने जोड़े से ही जाना चाहिए।
परब्रम्ह पर संशय करना भी अधर्म होता है। अपनी एक गलती को छिपाने के लिए अनेक झूठ का सहारा लेना पड़ता है, उससे बचने के लिए हमें दृढ़ता से अपनी गलती को स्वीकार लेना चाहिए।आगे महाराज द्वारा राजा दक्ष के द्वारा भगवान भोलेनाथ और सती देवी के अपमान की कथा सुनाई, फिर कैसे सती के राजा दक्ष के यज्ञ में वष्मीभूत होकर अपने प्राणों की आहुति दी उसके बारे में बताया। फिर कैसे सती देवी द्वारा राजा हिमाचल के घर जन्म और शिव पार्वती के विवाह की कथा सुनाई।
कथा में मुख्य रुप से आमला सारणी विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे, पूर्व नपा उपाध्यक्ष आनंद प्रजापति, नपा उपाध्यक्ष महेश राठौर, भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष भास्कर मगरदे, डॉ विनय सिंह चौहान, डॉ.अरुण जयसिंहपूरे, लोकेश हिरानी, अब्दुल अजीज आयशा फर्नीचर, नीलम वागद्रे मीडिया से शैलेन्द्र आर्य, युवराज सिंह गौर, पंकज सोनी, नवल वर्मा, संजय शुक्ला, गौरी बालापूरे, मनीष मिसर, साहिल राठौर, भोपाल से विष्णु मालवीय उपस्थित थे।