Betul News : (बैतूल)। धार्मिक स्थल भी इन दिनों राजनीति का शिकार होते जा रहे हैं। प्राचीन मां अम्बादेवी मन्दिर धारूड समिति के खिलाफ मंगलवार को श्रद्धालुओं ने नियम विरुद्ध समिति संचालन करने का आरोप लगाते हुए जनसुनवाई में इसकी शिकायत की है। श्रद्धालुओं द्वारा समिति भंग कर नई समिति गठन करने की मांग की जा रही है। कलेक्ट्रेट पहुंचे सैकड़ों अम्बा भक्तों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर समिति का कड़ा विरोध करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए।
सनातन धर्म प्रचार प्रसार पीताम्बरा संस्थान के मां बगलामुखी साधक बन्टी यादव ने बताया मां अम्बादेवी मन्दिर धारूड समिति का वर्ष 2013 में मध्यप्रदेश शासन से पंजीयन किया गया था। उस वक्त मां अम्बादेवी समिति के अध्यक्ष पद पर आठनेर के भोजराव गायकवाड़ की नियुक्ति की गई थी। अध्यक्ष द्वारा 10 वर्षों अभी तक समिति का आडिट नहीं करवाया है। वहीं अम्बादेवी मन्दिर पर आये दिन अध्यक्ष और सदस्यो के वफादारों द्वारा राजनीती की जा रही। अम्बा माई मन्दिर पर अपना स्वयं का आधिपत्य बताया जाता है।
पूजा पाठ में की जा रही मनमानी
श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया कि अम्बा माई मन्दिर पर पूर्णिमा पर होने वाले हवन में किसी भी योग्य पंडित विद्वान को नियुक्ति नहीं किया जाता है। मनमाने तरीके से पूजा की जाती है। मां बगलामुखी साधक भक्त अमित साहू ने बताया धारूड अम्बा माई मन्दिर समिति के अध्यक्ष वर्ष 2013 से 2023 तक एक ही है जबकि सार्वजनिक धार्मिक स्थल के अध्यक्ष को दो वर्षों में बदल देना चाहिये, इससे स्थानीय जनता में समिति का कडा विरोध है।
सनातन धर्म प्रचार प्रसार पीताम्बरा संस्थान के साधकों व श्रद्धालुओं ने मंदिर की देखरेख जनपद पंचायत के अधीनस्थ करने एवं नई समिति गठित कर नए सदस्यों को जिम्मेदारी सौंपने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में अखिलेश वाघमारे, बन्टी यादव, स्वप्निल पंवार, अमित साहू, रोहित नागले, राहुल यादव, मौसम मालवीय, रोहित रघुवंशी, आशीष यादव, कमल नागले, कमल मालवीय सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।