Betul News:(बैतूल)। तमिलनाडु में बंधुआ बनाए गए 4 मजदूरों को एक कपड़ा मिल से छुड़वा कर बैतूल लाया गया है। एक एजेंट ने ग्रामीणों को रोजगार का लालच देकर तमिलनाडु भेजा था। जहां उन्हें बिना मजदूरी दिए बंधुआ बनाकर काम लिया जा रहा था। जब मजदूरों ने जन साहस संस्था से मदद मांगी तब कहीं जाकर उन्हें इस कैद से छुटकारा मिल सका।
बंधक से छूटे मजदूरों के मुताबिक वह सब शाहपुर एवं चिचोली ब्लॉक के रहने वाले हैं। कंपनी के एजेंट ने पहले उन्हें रोजगार दिलाने का झांसा देकर तमिलनाडु के सत्तूर जिला विरुधुनगर भेज दिया था। मजदूर वहां पर कपड़े के खड्डे बनाने की मशीन और पन्नी बनाने वाली मशीन में काम करते थे। यहां उन्हें मजदूरी का एडवांस रकम देने, हर दिन मजदूरी और भोजन का वादा किया गया था। सिर्फ उन्हें भोजन दिया जाता था और 12 से 13 घंटे काम लिया जाता था।
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ऐसे मिली बंधक से मुक्ति
जन साहस की जिला समन्वयक पल्लवी टाकरकर ने बताया कि मजदूर 19 जनवरी को अपने घर से गए थे। इन मजदूरों को एजेंट द्वारा 12 हजार प्रतिमाह देने का कहा गया था। मजदूरों ने परेशान होकर जब वापस अपने गांव आने की इच्छा जाहिर की तो बंधक बनाने वाली कंपनी ने साफ इनकार कर दिया। मजदूरों ने किसी तरह अपने परिजनों से संपर्क किया। इसके बाद मजदूरों के परिजनों ने जन साहस संस्था को जानकारी दी।
जिसके बाद संस्था ने कलेक्टर एसपी, श्रम विभाग से संपर्क किया। पुलिस अधिकारियों और जनसाहस संस्था ने मिलकर इन मजदूरों को छुड़वाने की प्रक्रिया की । पुलिस ने तमिलनाडु के सत्तूर जिला विरुधुनगर पहुंच कर ठेकेदारों के चंगुल से जिले के बंधक मजदूरों को छुड़ा लिया
इन मजदूरों को बनाया था बंधुआ
बंधुआ बनाए गए मजदूरों में मिलाप पिता सुखलाल उईके चिखली रैय्यत, ब्लॉक शाहपुर, इंद्र पाल पिता तातु, चंद्र सिंग पिता तातु, ग्राम कावली खेड़ा ब्लाक शाहपुर, मोतीराम उइके, ग्राम हर्निया ब्लाक चिचोली शामिल है। इन मजदूरों ने कंपनी से एक माह का वेतन दिलाने की मांग की है।