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Betul Today News : हम नहीं जा सकते लेकिन, गर्व है सरहदों पर जाती हमारी राखियां

By Ankit

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Betul Today News : हम नहीं जा सकते लेकिन, गर्व है सरहदों पर जाती हमारी राखियां

Betul Today News : (बैतूल)। रक्षाबंधन का पर्व बैतूल की बहनों के लिए खास होता है। कुछ बहनें जहां इस वजह से उत्साहित रहत है कि भाई बहन के प्रिय पर्व पर उन्हें मायके जाने मिलेगा तो कुछ बहनें भाई की रास्ता देखती है। इन सबसे परे हर साल जिले की कुछ बहने रक्षाबंधन के पहले जिले से सरहद जाने वाली बहनों को राखियां भेंट करती है। वर्षों से यह सिलसिला चला आ रहा है। सरहद पर तैनात सैनिकों की कलाईयों पर हर साल बैतूल की राखी बंधती है। जो बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति के राष्ट्र रक्षा मिशन दल को जिले के सामाजिक, धार्मिक संगठनों एवं समाजसेवियों द्वारा भेंट की जाती है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय युवा हिन्दू वाहिनी, श्री विश्वकर्मा महा पंचायत एवं महिला युवा वाहिनी की बहनों ने समाजसेवी कविता मालवी के नेतृत्व में सैकड़ों राखियां सैनिकों के लिए सौंपी गई।

 हम नहीं जा सकते लेकिन, गर्व है सरहदों पर जाती हमारी राखियां

राष्ट्रीय युवा (national youth) हिन्दू वाहिनी एवं श्री विश्वकर्मा महा पंचायत महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष कविता मालवी, राष्ट्रीय युवा हिन्दू वाहिनी की जिला अध्यक्ष लता सोनी, सचिव पिंकी नामदेव एवं सदस्य पुष्पलता उच्चसरे ने बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति की अध्यक्ष एवं राष्ट्र रक्षा मिशन की संचालक गौरी बालापुरे पदम को राखियां सौंपी। कविता मालवी ने कहा कि उन्हें इस बात पर भी गर्व होता है कि भले ही वह रक्षाबंधन पर देश की सीमाओं पर प्रतिपल तैनात रहकर रक्षा करने वाले सैनिकों तक नहीं पहुंच पाती लेकिन उनकी राखियां जवानों तक राष्ट्र रक्षा मिशन के माध्यम से पहुंचती है। श्रीमती पदम ने आश्वस्त किया कि जो भी राखियां उन्हें भेंट एवं संदेश स्वरूप प्राप्त हो रही है वह सैनिकों तक वे उसी भाव और सम्मान के साथ हमेशा की तरह पहुंचाएंगी।

Betul Today News : हम नहीं जा सकते लेकिन, गर्व है सरहदों पर जाती हमारी राखियां

अपने हाथों से बनाई राखियां (Tricolor Rakhis)

राष्ट्रीय युवा हिन्दू वाहिनी, श्री विश्वकर्मा महापंचायत की सदस्यों ने अपने हाथ से तिरंगा राखियां (Tricolor Rakhis) बनाकर भी सैनिकों के लिए भेंट स्वरुप दी है। दरअसल श्रीमती पदम ने सैनिकों के लिए बनाई जा रही राखियों को लेकर बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी अपलोड की थी कि बीते तीन वर्षों से बैतूल सैनिकों के लिए तिरंगा राखी हाथ से बनाकर वे सरहद तक ले जाती है। अत: जो भी संगठन राखियां भेंट कर रहे है उनसे तिरंगे के तीन रंगों के आधार पर मोतियों का चयन कर राखी बनाने की अपील की थी। कविता मालवीय एवं उनकी पूरी टीम ने इसी थीम पर राखियां बनाकर भेंट की गई।

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