Betul Today News: (बैतूल)। सनातन धर्म प्रचार प्रसार पीताम्बरा संस्थान समिति के तत्वाधान में मां बगलामुखी मन्दिर आठनेर सावंगी में गुरुवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्री पीताम्बरा की मूर्ति स्थापना की गई। परम पूजनीय तपस्वी संतश्री डॉ सत्यनारायण गिरी गोस्वामी महाराज द्वारा मां पीताम्बरा बगलामुखी और बटुक भैरव की प्रतिमा का मंत्रोच्चार के साथ प्राण प्रतिष्ठा की गई। पिछले 8 दिनों से चली पूजा के बाद मूर्तियो का अभिषेक करवाकर विराजमान किया गया। जिसके बाद हवन पूजा, महाआरती और महा प्रसादी वितरित की गई। जिलेभर के मां बगलामुखी साधकों ने सैंकड़ो की संख्या में मां बगलामुखी हवन पूजा और महाप्रसादी में हिस्सा लिया।
बगलामुखी साधक रविन्द्र मानकर ने बताया कि मां बगलामुखी दरबार में प्रवेश से पहले बाबा बटुक भैरव जी विराजमान किए है। उन्होंने कहा कि यह चमत्कारी मन्दिर है, जहां श्रद्धालूओ की बहुत मन्नते पूरी होती है। इस अवसर पर माँ बगलामुखी माता को पीले वस्त्र, पीला भोग, पीली हल्दी अर्पित कर, अटूट भंडारा भी वितरित किया गया। इस अवसर पर देवास के मां बगलामुखी साधक कृष्णपाल सेंधालकर, गोपाल घोरसे, रितिक दवन्डे, पवन ठाकरे, कमलेश लोखंडे, सुदामा गोस्वामी, जगदीश नावंगे, संजू बारस्कर हनुवंतराव पांसे, अधिवक्ता रोशन मगरदे, चैतराम बनखेडे, दिनेश कालभोर, वरिष्ठ भाजपा नेता मनीष माथनकर, मां भवानी के उपासक गोलू उघडे, रविन्द्र मानकर अन्य उपस्थित थे।
नौ दिनों तक जारी रही प्राण प्रतिष्ठा
माँ बगलामुखी देवी की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम एक आत्मज्ञानी ब्रम्हज्ञानी दिव्य परमहंस सदगुरु के द्वारा संपन्न हुआ। महंत सदगुरुदेव संत श्री 1008 डॉ सत्यनारायण गिरी गोस्वामी महाराज द्वारा सिवनी जिले के बजरवाडा में 3 माह 13 दिनों तक , मंडला जिले के सहस्त्रारा में 9 दिनों तक और महाकालेश्वर धाम बोरदेही टेकडी में 5 दिनों तक अखंड ब्रम्हध्यानालीन जीवित भूमिगत समाधि ली है। उन्हीं परम तपस्वी परम योगी परमहंस सदगुरु भगवान के श्री मुखार बिन्द के दिव्य और अलौकिक मंत्रों से माँ बगलामुखी माता एवं बाबा बटुक भैरव जी की प्राण प्रतिष्ठा की गई।
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भक्तों को अब नहीं जाना होगा नखखेडा, दतिया और बनखंडी
जीवन में आ रही जटिल समस्याओं और राजसत्ता प्राप्ति के लिये जिलेभर के भक्त मां बगलामुखी देवी के प्रसिध्द मन्दिर नलखेडा, दतिया, बनखंडी जाते थे, लेकिन जिले में मां बगलामुखी माता का मन्दिर बनने से भक्तों को दूर जाना नहीं होगा। मां बगलामुखी मन्दिर सावंगी के मां बगलामुखी साधक रविन्द्र मानकर पिछले तीन वर्षों से लगातार मां बगलामुखी की साधना कर रहे है। वहीं तंत्र जगत की महाविद्या मां बगलामुखी देवी की अनन्य कृपा की प्राप्त कर रहे है। मां बगलामुखी साधना और उपासना की गुप्त विधिया होती है जो एक दिव्य गुरू हि अपने शिष्य को प्रधान करता है। ऐसे ही मां बगलामुखी साधक रविन्द्र मानकर को इनके दिव्यगुरू परम तपस्वी तीन माह 13 दिनों तक जीवित भूमिगत समाधि लगा चुके डॉ सत्यनारायण गिरी महाराज द्वारा प्रधान की गई है।
आमतौर में भारत देश में हजारों जगह पर प्रतिदिन देवी देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा होती रहती है लेकिन प्राण प्रतिष्ठा करने वाले साधक और पुजारी की पढ़ाई कोई नहीं देखता। जिस संत ने अपनी आध्यात्मिक पढ़ाई संत्संग से लेकर समाधि तक पूर्ण की है वह पूर्ण गुरू है जिसे दिव्य गुरू कहते है। ऐसे गुरू जिनकी कुण्डलिनी शक्ति जागृत हुई हो, जिनके सात चक्र जाग्रत हुये हो ऐसे गुरू से मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा करवाने के लिये शास्त्र में कहा गया है। लेकिन अज्ञानतावश लोग ऐसे गुरू को ना खोज पाते है ना ऐसे गुरू को प्राण प्रतिष्ठा के लिये आमंत्रित करते है।
लेकिन मां बगलामुखी मन्दिर सावंगी में मां पीताम्बरा की जो मूर्ति प्राण प्रतिष्ठित हुई वह दिव्य गुरू द्वारा की गई। मां बगलामुखी मूर्ति को दिनांक 22 मार्च 2023 हिन्दू नववर्ष गुडीपड़वा पर भव्य शोभा यात्रा के साथ आठनेर हिवरा नगर भरण करवाया गया और कलश यात्रा के साथ मूर्ति को ग्राम भ्रमण और ग्राम देवी देवताओं से भेंट वार्ता करवायी गई। दिनांक 23 मार्च 2023 जलाधिवास एवं पंचामृताधिवास, दिनांक , 24 मार्च 2023 पुष्पाधिवास, दिनांक 25 मार्च 2023 फलाधिवास, दिनांक 26 मार्च 2023 अन्नाधिवास , दिनांक 27 मार्च 2023 -गंधाधिवास एवं द्रव्याधिवास ,शयनाधिवास, दिनांक 28 मार्च 2023 मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा (मूर्ति संसार), दिनांक 29 मार्च 2023-हवन पूजा दिनांक 30 मार्च 2023 – प्रसादी भंडारा कार्यक्रम संपन्न हुआ।
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