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Betul Hindi Samachar: शिक्षक समय से विद्यालय नहीं पहुंच रहे, बच्चों का भविष्य अंधकार में

By Ankit

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Betul Hindi Samachar: शिक्षक समय से विद्यालय नहीं पहुंच रहे, बच्चों का भविष्य अंधकार में

Betul Hindi Samachar:(बैतूल)। चिचोली ब्लाक के ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है। कई विद्यालयों में शिक्षकों का समय से न पहुंचने का सिलसिला जारी है। जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसके बाद भी लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई महज खानापूर्ति के लिए की जाती है। सरकार शिक्षा के प्रति सजग है और कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे इसके लिए प्रयास कर रही है। लेकिन कर्तव्यविहीन शिक्षक सरकार की मंशा पर पलीता लगा रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार जामली के माध्यमिक शाला में शिक्षिका समय पर स्कूल नहीं पहुंचती है। समय पर शिक्षिका के स्कूल नहीं आने की वजह से बच्चे इधर-उधर खेलते-घूमते रहते हैं। इन बच्चों का भविष्य अंधकारमय है। शासन-प्रशासन व जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

चिचोली बीईओ नहीं कर रहे कार्यवाही 

जनसुनवाई में शिकायत लेकर पहुंचे ग्रामीण राकेश, धर्मदास, शिवपाल, शिवकुमार, कमल, अनिल आदि ग्रामीणों ने बताया कि जामली माध्यमिक शाला में पदस्थ शिक्षिका नीलीमा आठनेरे समय पर स्कूल नहीं आती है। प्रतिदिन दोपहर 12 बजे तक बच्चे ग्राउण्ड में खेलते रहते हैं। इस संबंध में जब मैडम से कहा गया तो उनका कहना था कि स्कूल मेरे हिसाब से चलता है, आपको जो करना है कर सकते है। मेरी पहचान कलेक्टर से लेकर भोपाल तक है। मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में शिकायत के बावजूद आज तक कोई कार्यवाही नही हुई है। चिचोली बीईओ से कुछ ग्रामीणों ने बात की लेकिन बीईओ द्वारा भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। बीईओ द्वारा कहा गया है कि 05 बार नोटिस दिया जायेगा। उसके बाद कार्यवाही की जायेगी।

Betul Hindi Samachar: शिक्षक समय से विद्यालय नहीं पहुंच रहे, बच्चों का भविष्य अंधकार में

निगरानी समिति पर उठाए सवाल

ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल की निगरानी समिति भी अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभा रही है। जिस कारण बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ चल रहा है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से मांग की है कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों शिक्षिका पर जल्द से जल्द ठोस कार्यवाही की जाए ताकि गांव के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके। वर्तमान में अध्ययनरत बच्चों का शिक्षा का स्तर भी बहुत कम है।

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