Betul Govansh Smuggling: (बैतूल)। आठनेर रोड ताप्ती घाट में शनिवार को गोवंश से भरा एक ट्रक पकड़ाया है। तस्करों द्वारा आलू की आड़ में तस्करी को अंजाम दिया जा रहा था। तस्करों ने बड़ी चालाकी से पटिया के सहारे ऊपर आलू की बोरियां रखी थी, वहीं नीचे बेरहमी से ठूस ठूस कर गोवंश रखे गए थे। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ट्रक क्रमांक एमपी 09 एचएन 4997 आठनेर के रास्ते महाराष्ट्र की ओर जा रहा था। इसी दौरान कोलगांव के पास ग्रामीणों को शक हुआ। ग्रामीण रामकिशोर हारोड़े ने अन्य ग्रामीणों के सहयोग से ट्रक को रोका। वहीं बजरंग दल को इसकी सूचना दी। जब ट्रक का डाला खोल कर देखा तो इसमें बेरहमी से मवेशी भरे हुए थे।
तस्कर पुलिस को चकमा देने के लिए नए नए हथकंडे अपना रहे हैं लेकिन हिंदू संगठनों और ग्रामीणों की सूझबूझ के चलते उनके मंसूबे नाकाम नहीं हो पाए। बताया जा रहा है कि ट्रक में 52 गोवंश भरे हुए थे जिसमें से 2 गोवंश की दम घुटने से मौत हो गई। इन गोवंश को विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने गौशाला भिजवा दिया है। ट्रक को थाने में खड़ा किया गया। ड्राइवर और हेल्पर से पुलिस द्वारा पूछताछ की जा रही है। गोवंश से भरा ट्रक पकड़ने में मुख्य भूमिका मांडवी निवासी रामकिशोर हारोड़े की रही। प्रांत गौ गोरक्षा प्रमुख विभाग संयोजक नर्मदापुरम कृष्णकांत गावंडे, भवानी गावंडे, प्रकाश गारवे, विशाल वर्मा, राज प्रजापति, अमित गावंडे, प्रकाश गारवे, विशाल वर्मा, राज प्रजापति, अमित गावंडे का सहयोग सराहनीय रहा।
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नाकाफी साबित हो रहे पुलिस के प्रयास (Betul Govansh Smuggling)
प्रांत गौ गोरक्षा प्रमुख विभाग संयोजक नर्मदापुरम कृष्णकांत गावंडे का इस पूरे मामले में कहना है कि जिले में गोवंश तस्करी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गोवंश तस्करी को रोकने के लिए पुलिस के तमाम प्रयास यहां नाकाफी साबित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि लंबे समय से बैतूल जिले में कई हिंदू संगठन भी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। हिंदू संगठनों द्वारा भी गोवंश तस्करी करने वाले वाहनों को समय-समय पर पकड़ा जाता है इसके बावजूद तस्करी का सिलसिला रुक नहीं रहा है। गोवंश तस्करी के पीछे कौन है, उन तक पुलिस अब तक क्यों नहीं पहुंच पाई है, यह बड़ा सवाल है। तस्करी के सरगना पर कार्रवाई नहीं होने के चलते गोवंश तस्करी रुक नहीं रही है।