Betul Court Decision : बैतूल में अपनी ही मासूम बच्ची बार-बार दुराचार करने वाले आरोपी पिता को विशेष न्यायाधीष, अनन्य विषेष न्यायालय, (पॉक्सो एक्ट) 2012 बैतूल (म.प्र.), ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह सजा आरोपी के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए रहेगा। इसके साथ 10,000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक विशेष न्यायाधीष, अनन्य विशेष न्यायालय, (पॉक्सो एक्ट) 2012 बैतूल (म.प्र.), ने कलयुगी दुराचारी आरोपी पिता निवासी-थाना कोतवाली, जिला-बैतूल (म.प्र.) को दोषी पाते हुए, धारा 376(3), 376(2)(एन), 376(2)(एफ) भादवि एवं धारा 5(एन), 5(एल)/6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास जो के आरोपी के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए रहेगा एवं 10,000रू. जुर्माने से दंडित किया गया। प्रकरण में म.प्र. शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी एस.पी.वर्मा, वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी/अनन्य विषेष लोक अभियोजक ओमप्रकाश सूर्यवंशी एवं वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती वंदना षिवहरे द्वारा पैरवी की गई।
Betul Court Decision : घर में अकेला पाकर किया गलत काम
घटना का विवरण इस प्रकार है कि पीड़िता ने आरक्षी केन्द्र कोतवाली में इस आषय की रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि वह कक्षा 7वीं में पढ़ती है, दिनांक 23.04.2020 को शाम करीब 4 बजे उसकी मां महुआं बिनने और भाई बकरी चराने गया था, तब उसके पिता ने उसके साथ जबरदस्ती गलत काम (बलात्कार) किया था, ऐसा करते हुए उसकी मां ने देख लिया था, तो उसने उसके पिता को डण्डा मारा था। उसके पिता ने 3 वर्ष पहले भी उसे डरा-धमकाकर उसके साथ जबरदस्ती गलत काम (बलात्कार) किया था।
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Betul Court Decision : तीन साल पहले भी कर चुका दुराचार
रिपोर्ट में पुलिस को पीडि़ता ने बताया था कि दिनांक 25.04.2020 को करीब सुबह 9 बजे उसके पिता ने पीड़िता को घर में अकेला पाकर जबरदस्ती खींचकर पलंग पर ले गया है, उसे जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ जबरदस्ती गलत काम (बलात्कार) किया था। दिनांक 25.04.2020 को पिता की करतूत से तंग आकर उसने अपने मोबाईल से 100 डायल नंबर पर कॉल कर पुलिस को बुलाया था।
Betul Court Decision : साक्ष्यों से साबित हुआ आरोप
पीड़िता की मौखिक रिपोर्ट पर थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 398/2020 पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान संकलित की गई साक्ष्य से यह तथ्य पता लगा कि आरोपी सगा पिता होते हुए भी लगातार पिछले वर्षों से अपनी सगी पुत्री पीड़िता को घर में अकेला पाकर डरा-धमकाकर उसके जबरदस्ती उसके कपड़े निकालकर उसके साथ संभोग करता था।
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आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय अनन्य विषेष न्यायालय (Betul Court Decision) (पॉक्सो एक्ट) बैतूल म.प्र. के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया। विचारण में अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया जिसके आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुए, धारा 376(3), 376(2)(एन), 376(2)(एफ) भादवि एवं धारा 5(एन), 5(एल)/6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास (Betul Court Decision) जो के आरोपी के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए रहेगा एवं 10,000रू. जुर्माने से दंडित किया गया।
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