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Betul Samachar: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग ओबीसी मोर्चा ने अंबेडकर चौक पर दिया धरना

Betul Samachar: (बैतूल)। अपनी लंबित मांगों का निराकरण नहीं होने के विरोध में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग ओबीसी मोर्चा चरणबद्ध आंदोलन की राह पर है। आंदोलन के द्वितीय चरण के तहत 5 अप्रैल को अंबेडकर चौक पर धरना देकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान ओबीसी मोर्चा ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर जायज मांगों को पूर्ण किए जाने का आग्रह किया। ओबीसी मोर्चा ने बताया आंदोलन के तीसरे चरण में 17 अप्रैल को जिला मुख्यालय पर रैली निकालकर प्रदर्शन किया जाएगा।  इसके बाद भी यदि मांगों को पूर्ण नहीं किया गया तो चौथे चरण के तहत 30 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया जाएगा।

महामहिम राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन में बताया कि राहुल गाँधी के द्वारा नीरव मोदी, ललित मोदी एवं मेहुल चोकसी जैसे देश का पैसा लूटकर विदेश भागने वालों को बचाने का आरोप भाजपा और नरेन्द्र मोदी सरकार पर लगाया गया था, जिसके कारण राहुल गाँधी को 2 साल की सजा हुई और उनकी संसद की सदस्यता भी समाप्त हो गई। भारतीय जनता पार्टी के लोग खुद को बचाने के लिए राहुल के बयान को ओबीसी का अपमान बता रहे हैं, जबकि पैसा लूटकर भागने वालों में एक भी ओबीसी के लोग नहीं है। देश में आरएसएस, भाजपा की सरकार है।

देश में जानवरों की गिनती हो रही है, मगर ओबीसी की गिनती नहीं हो रही है। जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद ओबीसी हैं। इसके बावजूद भी भाजपा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया गया कि वह ओबीसी की गिनती नहीं करेंगे। आरएसएस एवं भाजपा द्वारा ओबीसी की गिनती का विरोध करना ही ओबीसी समाज का सबसे बड़ा अपमान है। इसके साथ ही भाजपा द्वारा खुद को बचाने के लिए देश को लूटकर भागने वालों के साथ में ओबीसी समाज को जोड़कर पूरे समाज का अपमान किया जा रहा है। ज्ञापन के माध्यम से ओबीसी की जाति आधारित जनगणना और ओबीसी की जनगणना   किए जाने की मांग की है।

इन मांगों को लेकर किया जा रहा आंदोलन

ईवीएम घोटाले के विरोध में,  निजी क्षेत्रों में एससी, एसटी, ओबीसी को आरक्षण लागू किया जाय, एमएसपी की गारंटी कानून बनाकर किसानों को दिया जाए, एनआरसी / एनपीआर/सीएए के विरोध में, पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने, विकास के नाम पर पर्यावरण संरक्षण के नाम पर एवं जानवरों के संरक्षण के नाम पर आदिवासियों को उनके जल, जंगल और जमीन से विस्थापित करने के विरोध में, लॉकडाउन में चुपके से मजदूरों के खिलाफ बनाये गये श्रम कानूनों के विरोध में, रिजर्वेशन इम्पलीमेंटेशन ऐक्ट बनाया जायें तथा एससी, एससटी, ओबीसी का बैकलॉग तत्काल प्रभाव से भरा जाय, एससी, एससटी, ओबीसी छात्रों की रोकी गयी स्कालरशिप तत्काल प्रभाव से दी जाए तथा फीस वृध्दि के अनुपात में स्कालरशिप बढाई जाए।

धरना के दौरान

बीएमपी जिला अध्यक्ष सुखराम निरापुरे,  राष्ट्रीय आदिवासी छात्र संघ जिला अध्यक्ष मितेंद्र वटके , गोविंद सिरसाम, आनंद नाथ झल्लार, राष्ट्रीय मूलनिवासी   पेंशनर संघ से डी एच मासोदकर,  राष्ट्रीय किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष अंतुसिंह मर्सकोले,  नफ जिला अध्यक्ष ए एल चौकीकर, इंडियन लीगल प्रोफेसनल एसोसिएशन के जिला संयोजक एडवोकेट के एल बड़ौदे,  राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद संभाग अध्यक्ष दुर्गा सिंह मर्सकोले, राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ संभाग अध्यक्ष  पुष्पा मर्सकोले, बहुजन मुक्ति पार्टी महिला प्रकोष्ठ से प्रमिला भूमरकर, ज्योति निरापुरे, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा प्रदेश प्रभारी बी आर भूमरकर, बहुजन क्रांति मोर्चा प्रदेश सह संयोजक बी एल मासोदकर  मजदूर संघ से श्याम चौरासे, जिला अध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा विनोद पवार , राष्ट्रीय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष एस जी जाऊरकर  सहित अन्य मौजूद रहे।

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