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IAS Success Story: तीन बार असफल होने पर भी नहीं मानी हार, बिना कोचिंग बर्तन बेचने वाले की बेटी बनी IAS Officer

IAS Success Story: Didn't give up even after failing thrice, daughter of utensil seller became IAS officer without coaching

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IAS Success Story: कहते हैं जब किसी को सफलता हासिल करनी होती है और वह अपने निर्णय को लेकर दृढ़ होता है तो कोई बात उसे अपने रास्ते से टिका नहीं सकती। फिर चाहे बात उसके बैकग्राउंड की हो, एकेडमिक रिकॉर्ड की या परिवेश एवं संसाधनों की। उदाहरण के लिए उत्तराखंड ऋषिकेश की नमामि बंसल को ही ले सकते हैं। नमामि के घर में न ऐसा खास माहौल था न ही ऐसी प्रेरणा कि वे सिविल सेवा के क्षेत्र में जाएं लेकिन नमामि हमेशा से पढ़ाई को लेकर गंभीर थी।

बचपन से ही वे लगभग हर क्लास में अच्छे अंक ला रही थी। इसी प्रकार जब उन्होंने सिविल सेवा का मन बनाया तो तीन बार असफल होने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और चौथी बार में 17वीं रैंक के साथ टॉप किया। दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में नमामि ने इस परीक्षा की तैयारी की शुरुआत करने जा रहे कैंडिडेट्स को कुछ टिप्स दिए।

IAS Success Story: तीन बार असफल होने पर भी नहीं मानी हार, बिना कोचिंग बर्तन बेचने वाले की बेटी बनी IAS Officer

IAS Success Story: तीन बार असफल होने पर भी नहीं मानी हार, बिना कोचिंग बर्तन बेचने वाले की बेटी बनी IAS Officer
Credit – Social Media

पिता चलाते थे बर्तन की दुकान

नमामि के घर की आर्थिक स्थिति भी काफी सही नहीं थी। उनके पिता राज कुमार बंसल एक बर्तन की दुकान चलाते थे, जिससे उनके घर का पालन-पोषण होता था। इसके अलावा नमामि के घर में सिविल सर्विसेज में करियर बनाने के लिए कोई अनोखा माहौल या प्रेरणा नहीं थी।

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बिना कोचिंग हासिल किया मुकाम

आईएएस बनने की नमामि की राह अभी और मुश्किल होने वाली थीं। नमामी ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी बिना किसी कोचिंग के ही की, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अंततः अपने चौथे प्रयास में उन्हें सीधे के आईएएस पद के लिए चुन लिया गया। पहले प्रयास में उन्हें नाकामयाबी मिली। जिस मजबूत मन से वो यूपीएससी की तैयारी में जुटी थीं, वो थोड़ा कमजोर हुआ। लेकिन, फिर भी नमामि अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटीं।

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उन्होंने दूसरी बार कोशिश की और इस बार भी उन्हें सफलता नहीं मिली। नाकामयाबी का ये सिलसिला लगातार तीन साल तक चलता रहा। और फिर वो दिन आया, जिसने नमामि के चेहरे पर सफलता की एक मुस्कान खिला दी। साल 2016 में आए यूपीएससी के रिजल्ट में उन्हें 17वीं रैंक मिली। आईएएस बनने की नमामि की जिद आखिरकार पूरी हो गई।

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