पंडित प्रदीप मिश्रा : मंदिर में कितने भगवान रखने चाहिए?
हिंदू धर्म में लोगों के घर पर पूजा स्थान होता है, जहां देवी-देवताओं की प्रतिमा रखी जाती हैं और उनकी नियमित पूजा की जाती है.
पूजा स्थान
लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि घर के पूजा स्थान पर देवी-देवताओं की कितनी और कैसी प्रतिमा रखनी चाहिए. आगे जानिए देवी- देवताओं की मूर्ति से जुड़े नियम.
भगवान की मूर्ति
पंडित प्रदीप मिश्रा कहते हैं कि लोग स्वयं बहुत बड़े-बड़े कमरों में रहते हैं. माता-पिता का कमरा अलग, बेटे-बहु का कमरा अलग होता है.
पंडित प्रदीप मिश्रा
पूजा स्थान
लेकिन घर पर पूजा का स्थान बहुत ही छोटा रखते हैं.
भगवान की मूर्तियां
छोटे से मंदिर में ही सारे देवी- देवताओं की मूर्तियों को रख लेते हैं. मंदिर में कई सारे भगवान की प्रतिमा एक साथ नहीं रखनी चाहिए.
देवी-देवताओं की मूर्ति
पंडित प्रदीप मिश्रा आगे कहते हैं कि लोग सभी देवी-देवताओं की मूर्ति रख लेते हैं, लेकिन सभी की विधिवत् सेवा नहीं कर पाते हैं.
भगवान की सेवा
इसलिए जिस भी भगवान की प्रतिमा को घर के मंदिर में रखें, उनकी नियमानुसार सेवा.
कितनी बड़ी मूर्ति रखें?
भगवान की अधिक बड़ी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए. छोटी से छोटी प्रतिमा घर के पूजा स्थल पर रखना शुभ माना जाता है.
ठोस मूर्ति
प्रदीप मिश्रा कहते हैं कि किसी भी भगवान की प्रतिमा (शिवलिंग, लड्डू गोपाल या अन्य देवी-देवता) पोली नहीं होनी चाहिए, ठोस मूर्ति होनी चाहिए.
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