Navratri 5th Day: नवरात्रि के पांचवें दिन खुशहाली और सुखी जीवन के लिए करें मां स्कंदमाता की पूजा, पाप से मिलेगी मुक्ति
Navratri 5th Day: Worship Mother Skandamata on the fifth day of Navratri for prosperity and happy life, you will get freedom from sin.

Navratri 5th Day: नवरात्रि में पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा का विधान है। इस वर्ष नवरात्रि का शुभारंभ 15 अक्टूबर से होने जा रहा है तथा पांचवें दिन की पूजा 19 अक्टूबर को संपन्न होगी। स्कंदमाता, मां दुर्गा (Maa Durga) की पांचवीं अवतार हैं। स्कंदमाता का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है, स्कंद व माता। स्कंद (skanda) का अर्थ है- कार्तिकेय, जोकि माता पार्वती के पुत्र हैं और माता का अर्थ है मां।
इसप्रकार स्कंदमाता, पार्वती माता का ही एक रूप हैं। स्कंदमाता (skanda mata) का स्वरूप बहुत ही सुंदर है। स्कंदमाता की सवारी एक शेर है। स्कंदमाता विशुद्धि चक्र की अधिष्ठात्री देवी हैं। मान्यता है कि जिस भी व्यक्ति पर माता अपनी कृपा को बरसाती हैं उस व्यक्ति का घर सुख-समृद्धि से भर जाता है।

मां स्कंदमाता पूजा विधि – Navratri 5th Day
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।
स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें।
मां को रोली कुमकुम भी लगाएं।
मां को मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं।
मां स्कंदमाता का अधिक से अधिक ध्यान करें।
मां की आरती अवश्य करें।

मां स्कंदमाता का मंत्र- Navratri 5th Day
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
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मां स्कंदमाता की पूजा के फायदे – Navratri 5th Day
1. मां स्कंदमाता की पूजा करने से दुख दूर होते हैं और पापों से मुक्ति मिलती है।
2. जो लोग संतानहीन हैं, उनको मां स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए और उनसे पुत्र प्राप्ति का आशीष मांगना चाहिए।
3. मां स्कंदमाता की पूजा करने से कार्यों में सफलता भी प्राप्त होती है. यदि शत्रुओं पर विजय की कामना से यह व्रत या पूजन कर रहे हैं तो आपको सफलता मिलेगी।
4. मां स्कंदमाता की पूजा करने से मोक्ष मिलता है। जो व्यक्ति जीवन और मरण के चक्र से बाहर निकलना चाहता है, उसे भी मां स्कंदमाता की आराधना करनी चाहिए।
5. परिवार में खुशहाली के लिए भी मां स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए।