MP News : “इस गांव में नेताओं का प्रवेश निषेध हैं” विधानसभा चुनाव का बहिष्कार भी करेंगे, क्यों विरोध कर रहे ग्रामीण
MP News: "Entry of politicians is prohibited in this village" Will also boycott the assembly elections, why are the villagers protesting?

MP News : मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक ऐसा गांव है, जहां पर ग्रामीणों ने नेताओं का प्रवेश निषेध कर दिया। ग्रामीण यहां पर विधानसभा 2023 में होने वाले चुनाव कभी बहिष्कार कर रहे हैं।गांव वालों ने रविवार को “नेताओं का गांव में प्रवेश निषेध” के बैनर भी लगा दिए हैं। इसके साथ ही गांव वालों ने चुनाव बहिष्कार को लेकर भी बैनर लगाए हैं। गांव में प्रवेश द्वार बनाकर उसे नाका लगाकर बंद कर दिया है।
यह अनोखा मामला बैतूल जिले की घोड़ा डोंगरी तहसील के ग्राम मनकाढाना का है। यहां पर सड़क सहित कई मूलभूत सुविधाओं के लिए ग्रामीण 25 साल से मांग कर रहे हैं लेकिन मांग पूरी नहीं हो रही है इस बार विधानसभा चुनाव के पहले गांव वालों ने नेताओं के गांव में आने पर प्रतिबंध लगा दिया है और कहां है कि जब तक उनके मांग पूरी नहीं होगी तब तक इस गांव में किसी भी नेता को नहीं आने दिया जाएगा गांव में सड़क पत्ते सहित के मूलभूत सुविधाओं की मांग ग्रामीण कर रहे हैं और उन्होंने इन्हीं मांगों को लेकर विधानसभा चुनाव 2023 का बहिष्कार करने का ऐलान भी कर दिया हैं।
MP News: ग्रामीणों का कहना है कि मनकाढाना गांव में करीब 4 किलोमीटर हिरणघाटा तक पक्की सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीण परेशान हैं। सड़क नहीं होने से एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती है। मरीज को अस्पताल पहुंचाने में काफी दिक्कतें होती है। हालत यह है कि ग्रामीण गर्भवती महिलाओं एवं मरीज को खाट पर लेटकर 4 किलोमीटर पैदल चलकर हिरण घाट तक आते है। इसके बाद वाहन से मरीज को अस्पताल पहुंचते हैं। वही इस दौरान कई गर्भवती महिलाओं की मौत भी हो चुकी है।
ग्रामीण महिला सावित्री शेलुकर, उर्मिला भुसुमकर का कहना है कि गांव में नेता आते हैं, वादे करते हैं, वादों को पूरा नहीं करते। इसीलिए सभी गांव वाले निर्णय लिया है कि नेताओं का गांव में आने पर प्रतिबंध लगाया जाए। सड़क सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं जब तक नहीं मिलेगी, तब तक गांव में नेताओं को आने नहीं दिया जाएगा। वहीं विधानसभा चुनाव का बहिष्कार भी करेंगे।
MP News –पट्टा और जाति प्रमाण पत्र भी नहीं मिल रहा
ग्रामीणों के अनुसार गांव में जमीन का पट्टा नहीं मिलने के कारण जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं। इसी वजह से बच्चों को पढ़ाई में दिक्कत हो रही है। कई विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ रहे हैं, साथ ही गांव के कई पढ़े-लिखी युवा बेरोजगार है, जिन्हें रोजगार नहीं मिल रहा।