Krishna Janmashtami : बैतूल। मैंनेजमेंट मास्टर कहें या जगतगुरु, गिरधारी कहें या रणछोड़। भगवान कृष्ण के जितने नाम हैं, उतनी कहानियां। जीवन जीने के तरीके को अगर किसी ने परिभाषित किया है तो वो कृष्ण हैं। कर्म से होकर परमात्मा तक जाने वाले मार्ग को उन्हीं ने बताया है। संसार से वैराग्य को सिरे से नकारा। कर्म का कोई विकल्प नहीं, ये सिद्ध किया।
कृष्ण कहते हैं, मैं हर हाल में आता हूं, जब पाप और अत्याचार का अंधकार होता है तब भी, जब प्रेम और भक्ति का उजाला होता है तब भी। दोनों ही परिस्थिति में मेरा आना निश्चित है। इसी झांकी को चरितार्थ करते हुए शासकीय माध्यमिक शाला सिमोरी में अभिनव आयोजन किया गया जिसमे नृत्य प्रतियोगिता,कृष्ण सुदामा मित्रता का जीवंत अभिनय,माखन लेकर पेड़ पर चढ़ जाने व गोपियों को रिझाने का संवाद किया गया।
Krishna Janmashtami : पेड़ पर बैठकर बालकृष्ण ने खाया माखन, गोपियां अपनी चुनरी के लिए करती रही विनती
इस अवसर पर संस्था के प्रधानपाठक शैलेंद्र बिहारिया ने कहा श्री कृष्ण इस संसार के सबसे बड़े मैनेजमेंट गुरु है। उनके जीवन से हर बात सीखने योग्य है। इस अवसर पर दसन धुर्वे, ममता गोहर, राधिका पटैया, अजय बडौदे विशेष रूप से उपस्थित थे। सुदामा व कृष्ण के मार्मिक मिलन प्रसंग को देख ग्राम के लोगो की आखें भर आई। सभी ने इस अवसर पर मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आनंद लिया। बड़ी संख्या में बच्चे राधा कृष्ण की झांकी में नजर आए।