KFC Success Story: जिंदगी के हर मोड़ पर मिली हार फिर भी नहीं छोड़ी हिम्मत, 65 की उम्र में बिजनेस खड़ा कर मिली सफलता
KFC Success Story: Defeated at every turn of life, still did not give up courage, got success by setting up business at the age of 65

KFC Motivational Story: कर्नल सैंडर्स (KFC Success Story) ने हार के डर से रुक जाने वालों के लिए एक मिसाल कायम की है। 1009 बार मिली असफलता के बाद भी आगे बढ़ते रहे और पूरी दुनिया में अपना नाम बनाया। खास बात यह है कि रिटायरमेंट की उम्र में इनका करियर शुरू हुआ। यह कहानी है कर्नल सैंडर्स की जिन्हे एक के बाद एक मिली असफलता ने और मजबूत किया और 65 साल की उम्र में उनकी किस्मत चमक उठी।
मुश्किल इस दुनिया मे कुछ भी नही,
फिर भी लोग अपने इरादे तोड़ देते है,
अगर सच्चे दिल से हो चाहत कुछ पाने की,
तो सितारे भी अपनी जगह छोड़ देते है
केएफसी ओनर जीवनी (KFC Success Story)
Sander का जन्म 9 सितंबर 1890 को Henryville, IN (INDIANA) में हुआ था। उनके पिता की दुखद मृत्यु तब हुई जब वह केवल छह वर्ष के थे, जिसने उन्हें अपने भाई-बहनों और मां की जिम्मेदारियों को निभाने के लिए मजबूर किया। आर्थिक समस्याओं के कारण, उन्होंने 7वीं कक्षा में स्कूल छोड़ दिया और लगभग 80 मील दूर फार्महैंड (Farmhand) के रूप में काम करने के लिए घर छोड़ दिया। सौभाग्य से, उनकी माँ ने उन्हें खाना पकाने का कौशल सिखाया जो वह बचपन से ही पूरी दिलचस्पी के साथ करते थे। KFC का FULL FORM केन्टकी फ्राइड चिकन है।
7 साल की उम्र में ही बन गए थे अच्छे कुक
कर्नल हारलैंड सैंडर्स का जन्म 1890 में अमेरिका के इंडियाना में हेनरीविले में हुआ था। 6 साल की उम्र में ही उनके पिता की मौत हो गई। घर के हालात खराब हुए तो मां एक फैक्ट्री में काम करने लगीं और सैंडर्स अपने छोटे भाई-बहन की देखभाल करते थे। महज 7 साल की उम्र में ही उन्होंने अच्छा खाना पकाना सीख लिया था। 12 साल की उम्र में उनकी मां ने दूसरी शादी कर ली। उनके सौतेले पिता को हारलैंड सैंडर्स पसंद नहीं थे, जिसके चलते वह अपनी आंटी के पास रहने लगे और एक फार्म में काम करने लगे। सैंडर्स उस वक्त सातवीं कक्षा में पढ़ते थे और उन्होंने सातवीं में ही पढ़ाई छोड़ दी।
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कुकिंग से शुरू हुआ नया सफर
एक स्टाल से फ्राइड चिकन का काम शुरू हुआ, एक दिन केंटकी के गवर्नर, फ्राइड चिकन खाने के लिए आए। उन्हे उसका स्वाद इतना अच्छा लगा कि हारलैंड सैंडर्स को कर्नल की उपाधि दे दी। यह बहुत ही सम्मान जनक उपाधि मानी जाती है। कर्नल ने सोचा अपनी रेसपी को रेस्टोरेंट में बेचा जा सकता है। अपनी फ्राइड चिकन की रेसपी को बेचने के लिए वो दुनिया भर के रेस्टोरेंट में गए, वहां उन्हे 1009 बार ना का सामना करना पड़ा।
65 साल की उम्र में केएफसी शुरू कर हो गये मशहूर (KFC Success Story)
अब कर्नल सैंडर्स का नया संघर्ष शुरू हो चुका था। वे अब 65 वर्ष के हो चुके थे। जिंदगी भर इतना काम करने के बाद भी उनके पास कुछ भी नहीं बचा था। अब उन्होंने सोचा क्यों ना रेस्टोरेंट को अपनी रेसिपी दी जाए और बिक्री पर मुनाफा कमाया जाए। क्योंकि उनकी secret recipe ‘सीक्रेट रेसिपी’ Fried Chicken की recipe अब भी उनके साथ थी। उन्हें अपनी recipe के स्वाद पर पूरा भरोसा था। इसके लिए उन्होंने अलग – अलग रेस्तराओं restaurants में जाकर इस बारे में चर्चा की। वह जगह-जगह जाकर कई होटलों के मैनेजमेंट से मिले और उन्हें अपनी रेसिपी के बारे में बताया। अमेरिका भर में होटलों में जाते-जाते उन्हें हर जगह से ना ही सुनने को मिला। लोंगों ने उनका मजाक भी उड़ाया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
अंत में कहीं जाकर एक बड़ा रेस्तरां चलाने वाले पीट हर्मन Pete Herman ने इस सीक्रेट रेसिपी का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। वह अपना चिकन वहां बेचने लगे और मुनाफे पर कुछ फायदा लेने लगे। उस रेस्तरां की सेल इस फ्राइड चिकन के कारण कई गुना बढ़ गयी। जिसे देखकर अन्य रेस्तरां मालिकों ने भी कर्नल सैंडर्स से franchisee लेना शुरू कर दिया। इस रेसिपी का नाम ‘केंटुकी फ्राइड चिकन’ KFC रखा गया। आज उनकी सफलता से हर कोई प्रेरणा ले रहा है। अब आज कर्नल सैंडर्स दुनिया में नहीं हैं लेकिन आज भी वे KFC के Star Icon के रूप में जीवित हैं।