IAS Success Story: महुआ बीना, बीड़ी पत्ते तोड़े, आत्महत्या का भी किया प्रयास, घरेलू हिंसा के शिकार सविता प्रधान ऐसे बनीं IAS अफसर
IAS Success Story: Mahua Beena, broke beedi leaves, also attempted suicide, this is how Savita Pradhan, a victim of domestic violence, became an IAS officer.

IAS Success Story: महुआ बीना, बीड़ी पत्ते तोड़े, आत्महत्या का भी किया प्रयास, घरेलू हिंसा के शिकार सविता प्रधान ऐसे बनीं IAS अफसर
IAS Success Story: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के मंडई गांव में जन्मी सविता प्रधान बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में तेज़ थीं. वह अपने गांव में 10वीं क्लास पास करने वाली पहली लड़की थीं. पिता को अपनी होनहार बेटी पर बड़ा गर्व हुआ. आर्थिक स्थिति कुछ खास नहीं थी तो अच्छी पढ़ाई मिलना बड़ा मुश्किल था.
फिर भी 11वीं-12वीं की पढ़ाई नज़दीक के पल्हेड़ा गांव जाकर जैसे तैसे जारी रखी. इसी बीच सविता के लिए एक बड़े घर से शादी का रिश्ता आया. लड़के के पिता डिस्ट्रिक्ट जज थे. उन्होंने कहा कि हमारी भी एक बेटी इसी उम्र की थी जो गुजर गई, वो डॉक्टर बनना चाहती थी.
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अब हम अपनी बहू को डॉक्टर बनाएंगे. सविता के पिता के पास इस रिश्ते को नकारने की कोई वजह नहीं थी. सविता उस समय 12वीं भी पास नहीं हुई थीं और लड़का उनसे 11-12 साल बड़ा था. इस सबके बावजूद, 1998 में 16 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई.
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कुछ कहानियां ऐसी होती है, जो लगती फिल्मी हैं, लेकिन असल में उससे पूछिए, जो इससे होकर गुजरा हो. सविता ने बचपन में महुआ बीना, बीड़ी पत्ते तोड़े, ससुराल में परेशानियां झेलीं, लेकिन हार नहीं मानी. और एक दिन एमपीपीएससी (MPPSC) की परीक्षा पास कर अधिकारी बन गई.
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10वीं पास करने वाली गांव की पहली लड़की – IAS Success Story
सविता प्रधान अपने गांव से 10वीं पास करने वाली पहली लड़की है. 10वीं पास करने के कुछ दिनों बाद ही परिवार के लोग शादी की बात करने लगे. अफसर सविता प्रधान ने एक इंटरव्यू में कहा कि 16-17 साल की उम्र में 10 साल बड़े लड़के से मेरी शादी करा दी गई थी. वह जब मुझे देखने आया तभी मेरे साथ बदसलूकी की थी. मैंने शादी से इनकार कर दिया। घर के लोगों के समझाने के बाद मैं शादी के लिए तैयार हुई.
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ससुराल पहुंचने पर जिंदगी में तबाही – IAS Success Story
शादी के बाद कुछ ही समय में सविता के ससुराल वाले उनके साथ नौकरों जैसा व्यवहार करने लगे. इसके अलावा, ससुराल में उन पर कई तरह की पाबंदियां लगाई गईं, जिनमें खाने की मेज पर सबके साथ खाना खाने की मनाही, जोर से हंसने की मनाही और सबके बाद खाना खाना शामिल था.

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इसके अलावा, खाना खत्म हो जाने पर वह दोबारा अपने लिए तैयारी नहीं कर पाती थीं. परिस्थितियों के कारण, वह रोटियां बाथरूम में ले जाती थी और इस डर से वहीं खाती थी कि उनका पति उन्हें मार डालेगा. दो बच्चे होने के बावजूद उनके ससुराल वाले उनके साथ मारपीट और उत्पीड़न करते रहे.
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आत्महत्या का प्रयास – IAS Success Story
सविता ने दो बच्चों को जन्म दिया लेकिन ससुराल वालों की प्रताड़ना कम नहीं हुई. तंग आकर सविता ने आत्महत्या का मन बना लिया और फांसी का फंदा तैयार किया. रिपोर्ट के मुताबिक, जब सविता आत्महत्या करने जा रही थीं, तो उनकी सांस उन्हें खिड़की से देख रही थीं, लेकिन उन्होंने सविता को रोका तक नहीं. इससे सविता की सोच बदली। उन्होंने सोचा कि उनके आत्महत्या करने से कुछ नहीं बदलेगा, बल्कि उनके बच्चों का भविष्य खराब हो जाएगा.
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पॉर्लर में काम करके पाले दो बच्चे – IAS Success Story
एक समय आया जब रोज रोज की प्रताड़ना से तंग आकर सविता ने सुसाइड करने का मन बना लिया. इस समय तक वह दो बच्चों की मां बन चुकी थीं. ऐसे में यह निर्णय बहुत कठिन था. आखिरकार एक दिन उन्होंने दोनों बच्चों को सुलाकर पंखे में साड़ी के फंदे में झूलने का फैसला किया और वह यह करने जा रही थीं कि उनकी सास ने खिड़की से उन्हें देख लिया.
जिसके बाद उनका मन बदल गया तब सविता ने तय किया कि ऐसे लोगों के लिए क्यों मरना. इसके बाद सविता एकदिन घर छोड़कर एक कजिन सिस्टर के यहां पहुंची. यहां उन्होंने ब्यूटी पॉर्लर और बुटीक का काम शुरू किया.

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पहले ही प्रयास में यूपीएसस परीक्षा की पास – IAS Success Story
वर्ष 2017 में सविता प्रधान ने यूपीएससी की परीक्षा पास की. उन्हें मध्य प्रदेश के नीमच जिले में सीएमओ का पद मिला. इस दौरान उनका चार महीने का बच्चा था, जिसे लेकर सविता दफ्तर जाया करती थीं.