IAS Success Story : ठेले पर चाय बेचने वाले ने बिना कोचिंग तीन बार क्रैक कर ली यूपीएससी परीक्षा, पहले IRTS फिर IPS और अब बनें IAS
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IAS Success Story : UPSC परीक्षा देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा को पास करने के लिए उम्मीदवारों को कम से कम रोजाना 10-12 घंटे की पढ़ाई करनी जरूरी है। इसको पास करने के लिए उम्मीदवारों को सालों लग जाते हैं। वहीं इतने कठिन परीक्षा को बिना किसी कोचिंग की मदद से तीन बार क्रैक करना कोई साधारण काम नहीं है।
इसी असाधारण कारनामे को अंजाम देने वाले शख्स हैं आईएएस अफसर हिमांशु गुप्ता एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उनके पिता शॉपकीपर हैं। हिमांशु हमेशा से अखबार पढ़ने के शौकीन रहे और दुकान पर जाकर रोज अखबार पढ़ते थे। धीरे-धीरे उनके अंदर यूपीएससी को लेकर जिज्ञासा पैदा हुई और उन्होंने तैयारी करने का फैसला किया। हिमांशु ने बिना किसी कोचिंग के डिजिटल तरीका अपनाकर इस सफर को पूरा किया।
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ऐसे शुरू हुआ था हिमांशु का सफर (IAS Success Story)
हिमांशु उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बरेली जिले के एक कस्बे से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता एक दुकान चलाते हैं और हिमांशु रोज सुबह उस पर जाया करते थे। वह अखबारों को काफी गौर से पढ़ते थे। अखबार पढ़ते-पढ़ते उनकी दिलचस्पी सिविल सेवा की ओर बढ़ गई। इसके बाद उन्होंने इंटरनेट की मदद से तैयारी करने की ठान ली। उन्होंने इंटरनेट का तैयारी में भरपूर इस्तेमाल किया और अखबार भी लगातार पढ़ते रहे। उनका यूपीएससी का सफर इसी तरह शुरू हुआ।
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डीयू के हिंदू कॉलेज से किया ग्रेजुएशन

स्कूलिंग के बाद हिमांशु गुप्ता उत्तराखंड से दिल्ली आ गए और यहां डीयू के हिंदू कॉलेज में एडमिशन लिया। वह ग्रेजुएशन करने वाले अपने परिवार से पहले व्यक्ति थे। उन्होंने हिंदू कॉलेज टॉप किया था। उन्होंने कॉलेज की फीस के लिए कोचिंग भी पढ़ाया।
हालांकि यूपीएससी की तैयारी के लिए कोई कोचिंग नहीं की। साल 2018 में उन्होंने पहली बार में ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली। उन्हें इंडियन रेलवे सर्विस मिला। 2019 में उन्होंने एक बार फिर परीक्षा दी। इस बार वह आईपीएस बने। 2020 में दूसरी बार परीक्षा में बैठे। इस बार मेहनत रंग लाई और वह आईएएस बनने में कामयाब रहे।
चाय बेचने की बात पर स्कूल में साथी उड़ाते थे मजाक

हिमांशु ने एक इंटरव्यू में बताया था कि शुरुआती शिक्षा में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था। उनके घर से स्कूल 35 किलोमीटर दूर था। ऐसे में रोजाना वह 70 किलोमीटर की आवाजाही करते थे। इसके बाद शाम तक पिता की काम में मदद करते थे। वह कहते हैं कि जब कभी स्कूल वैन पापा के चाय के ठेले के पास से गुजरती थी तो मैं छिप जाता था, लेकिन एक दिन किसी ने मुझे चाय बेचते देख लिया। इसके बाद स्कूल में सभी लोग मेरा मजाक उड़ाने लगे। मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया और अपने लक्ष्य पर फोकस किया।
तीन बार पास की UPSC परीक्षा हिमांशु गुप्ता ने साल 2018 में पहली बार UPSC Exam क्लियर किया, तब उनका चयन भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) के लिए हुआ। उन्होंने 2019 में फिर से परीक्षा दी और दूसरे प्रयास में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के लिए चयन हुआ। और फिर 2020 में अपने तीसरे प्रयास में वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में सेलेक्ट हो गए।
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इस रणनीति से मिली सफलता (IAS Success Story)

हिमांशु ने बड़े शहर में जाकर कोचिंग करने के बजाय सेल्फ स्टडी करने का फैसला किया। उन्होंने सबसे पहले एनसीईआरटी की किताबें पढ़ीं और फिर उसके बाद स्टैंडर्ड बुक से तैयारी की। जब भी उन्हें जरूरत पड़ी उन्होंने इंटरनेट का इस्तेमाल किया और नोट्स निकाले।
इंटरनेट से उन्हें तैयारी में काफी मदद मिली। इसी तरह तैयारी कर हिमांशु ने 2018 में फर्स्ट अटेम्प्ट में यूपीएससी परीक्षा पास की। रैंक के मुताबिक उन्हें इंडियन रेलवे सर्विस मिली। फिर 2019 में उन्होंने दोबारा सफलता हासिल की और इस बार इंडियन पुलिस सर्विस मिली। तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 139 हासिल कर उन्होंने आईएएस सेवा हासिल कर ली।