IAS Success Story: पिता की मौत के बाद टूटने नहीं दिया सपना, बेटी ने आईएएस टॉपर बन लौटाई मां की मुस्कान
IAS Success Story: Did not let her dream break after father's death, daughter returned mother's smile by becoming IAS topper

IAS Success Story: पिता की मौत के बाद टूटने नहीं दिया सपना, बेटी ने IAS टॉपर बन लौटाई मां की मुस्कान
IAS Success Story: डेडिकेशन यानी समर्पण अगर किसी उम्मीदवार के भीतर हैं, तो उसके यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है. ये परीक्षा सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, ये तो हम सभी जानते हैं, लेकिन अगर आपमें जुनून है तो कोई भी मुकाम हासिल करना आसान हो जाता है.
आज हम आपको एक ऐसी IAS अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल किया था. आइए जानते हैं IAS अधिकारी गरिमा लोहिया के बारे में.
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IAS Success Story: पिता की मौत के बाद टूटने नहीं दिया सपना, बेटी ने IAS टॉपर बन लौटाई मां की मुस्कान
गरिमा लोहिया बायोग्राफी – IAS Success Story
बिहार की मूल निवासी गरिमा लोहिया एक बिजनेस परिवार में पली-बढ़ीं हैं. उनका जन्म बक्सर में हुआ था. बिजनेस परिवार होने की वजह से घर में हमेशा शिक्षा का माहौल था. वह शुरू से ही पढ़ाई में अच्छी थी, स्कूल की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से साल 2020 में अकाउंटिंग की डिग्री हासिल की. वहीं ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान गरिमा का महसूस हुआ कि उन्हें यूपीएससी की परीक्षा में शामिल होना चाहिए, जिसके बाद उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.
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बिना कोचिंग की पढ़ाई – IAS Success Story
अपने शेड्यूल के बारे में उन्होंने कहा कि मैं हर रोज 8 घंटे, 10 घंटे और कभी-कभी सिर्फ 4 घंटे पढ़ाई करती थी. गरिमा 13 सदस्यों वाले संयुक्त परिवार में रहती हैं. गरिमा ने बताया कि जब कोरोना देश में शुरू हुआ तो वह दिल्ली से वापस बक्सर आ गई, लेकिन उनकी मंजिल यूपीएससी ही रही. उस दौर में सारे कोचिंग बंद हो गए. वे कहती हैं कि उन्होंने कभी प्रॉपर कोचिंग नहीं ली और यू ट्यूब तथा अन्य मेटेरियल से ही तैयारी करती रहीं, आखिर उसका परिणाम आज सबके सामने है.

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घर पर रहकर की तैयारी – IAS Success Story
गरिमा ने घर पर रहकर पढ़ाई करने की ठानी. उन्होंने कहा, ‘जरूरी नहीं कि तैयारी के लिए किसी बड़े शहर जाया जाए और महंगी कोचिंग (IAS Success Story) की जाए. आपको जहां बैठना पढ़ना सुविधाजनक लगता है, वहीं बैठकर पढ़ाई करें. मैंने घर पर रहकर पढ़ने का फैसला इसलिए किया क्यों जब भी हम कभी डीमोटिवेटेड फील करते हैं, तब फैमिली का सपोर्ट बहुत काम आता है.’ उन्होंने किताबों से खुद पढ़कर और ऑनलाइन स्टडी मटीरियल की मदद से पढ़ाई की और कामयाबी हासिल की.
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पिता के जाने के बाद भी नही मानी हार – IAS Success Story
अपनी तैयारी में संघर्ष पर बात करते हुए गरिमा लोहिया ने बताया कि साल 2015 में पिता मनोज कुमार लोहिया के निधन के बाद भी उन्होंने हार ना मानकर जुटे रहने का निश्चय किया. उन्होंने कहा कि वह तमाम लड़के लड़कियो से यही कहेंगी कि मन मे ठान लेने के बाद कोई भी बाधा रास्ते की रुकावट नही बन सकती.
उन्होंने बताया कि बिना किसी कोचिंग संस्थान के सहारा लिए खुद से पढ़ाई कर उन्होंने पूरे देश में दूसरा स्थान लाया है. पहले तो उनको यकीन ही नहीं हो रहा था लेकिन जब चार पांच बार उन्होंने अपना नाम रिजल्ट में देखा तब उन्हें इस पर विश्वास हुआ.
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दूसरे प्रयास में गरिमा को मिली सफलता – IAS Success Story
गरिमा लोहिया ने दसवीं तक की शिक्षा बक्सर से की थी. इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए बनारस और फिर दिल्ली चली गईं थी. दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से उन्होंने स्नातक की पढ़ाई की है.
इसी दौरान 2020 में कोविड के प्रकोप के बीच गरिमा वापस बिहार स्थित अपने गृह जिला बक्सर लौट आईं थी. इसके बाद उन्होंने घर से ही यूपीएससी की पढ़ाई शुरू की. गरिमा ने बताया कि पहले खुद से तैयारी शुरू की. फिर ऑनलाइन किताबें मंगवाई.