Farming Of Garlic : लहसुन की खेती से बदलेगी किसानों की किस्मत, मिलेगी 30,000 रुपए की सब्सिडी, यहां देखें कैसे करें आवेदन
Farming Of Garlic: Garlic farming will change the fate of farmers, they will get subsidy of Rs 30,000, see here how to apply.

Farming Of Garlic : लहसुन एक कन्द वाली मसाला फसल है। इसमें एलसिन नामक तत्व पाया जाता है जिसके कारण इसकी एक खास गंध एवं तीखा स्वाद होता है। लहसुन की एक गांठ में कई कलियाँ पाई जाती है जिन्हे अलग करके एवं छीलकर कच्चा एवं पकाकर स्वाद एवं औषधीय तथा मसाला प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाता है। इसका इस्तेमाल गले तथा पेट सम्बन्धी बीमारियों में होता है।
इसमें पाये जाने वाले सल्फर के यौगिक ही इसके तीखेस्वाद और गंध के लिए उत्तरदायी होते हैं। जैसे ऐलसन ए ऐजोइन इत्यादि। इस कहावत के रूप में बहुत आम है “एक सेब एक दिन डॉक्टर को दूर करता है” इसी तरह एक लहसुन की कली एक दिन डॉक्टर को दूर करता है यह एक नकदी फसल है तथा इसमें कुछ अन्य प्रमुख पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं।
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इसी कड़ी में लहसुन की खेती (farming of garlic) को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार की ओर से किसानों को लहसुन की खेती करने के लिए सब्सिडी दी जा रही है। खास बात यह है कि लहसुन की खेती (farming of garlic) के लिए सरकार किसानों को 30,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्रदान कर रही है।
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लहसुन की खेती पर कितनी मिलेगी सब्सिडी – Farming Of Garlic
राज्य सरकार की ओर से नई योजना के तहत उद्यान विभाग के माध्यम से बागवानी फसलों पर अनुदान देने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत किसानों को फसल लागत का 50 प्रतिशत अनुदान (subsidy) दिया जाएगा। यदि बात की जाए लहसुन की खेती की तो इसकी प्रति एकड़ लागत 60,000 रुपए निर्धारत की गई है।
इस पर शासन की ओर से किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इस हिसाब से किसानों को लहसुन की खेती पर 30,000 रुपए प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा। किसान लहसुन की खेती के लिए सब्सिडी का लाभ 10 एकड़ क्षेत्र के लिए उठा सकते हैं। यानि किसान लहसुन की खेती पर अधिकतम 3,00,000 रुपए तक अनुदान प्राप्त कर सकते हैं।

इस तरह तैयार करें लहसुन का खेत – Farming Of Garlic
करीब 3 गहरी जुताई करने के बाद में खेत को समतल करके क्यारियों को बना दिया था। लहसुन की स्वस्थ कलियों का चुनाव करके उन्होंने करीब 15 सेंटीमीटर दूरी पर कतारों में लगाई थी। यह गाठो को विकसित करने के लिए विभाग से सुझाया गया तय मानक है।
हरदोई के कृषि निदेशक डॉ नंदकिशोर ने बताया कि लहसुन की फसल 160 दिनों में तैयार हो जाती है। एक हेक्टेयर में लगभग 160 क्विंटल से ज्यादा पैदावार होती है। जिले के किसानों को समय-समय पर कृषि विभाग से महत्वपूर्ण जानकारी, बीज और सब्सिडी आदि की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
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उन्नत किसान बेहतरीन किस्मों से अच्छा उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं। किसानों को शासन की मंशा के अनुरूप समय-समय पर जागरूक और सम्मानित भी किया जाता रहता है। कृषि विभाग के ट्रेनर समय-समय पर खेतों में जाकर किसानों की फसलों का मुआयना भी करते हैं। हरदोई के जिला उद्यान अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि लहसुन कंद वाली मसाला फसल है। इसमें एल्सिन तत्व पाया जाता है।
इसका मसाले के साथ-साथ औषधीय रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसका प्रयोग ब्लड प्रेशर, पेट के विकार, पाचन विकृतियां और कैंसर की बीमारी में भी किया जाता है। भारत में लहसुन की खेती मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में की जाती है। खास बात यह है कि लहसुन की बाजार में अच्छी कीमत पूरे साल बनी रहती है।

सब्सिडी के लिए कैसे करें आवेदन – Farming Of Garlic
लहसुन की खेती (Lahsun Farming Subsidy) पर 30,000 रूपये सब्सिडी प्राप्त करने के लिए आपको एक आवेदन फॉर्म भरना पड़ेगा। इसके लिए आपको राज्य सरकार की ऑफिसियल वेबसाइट hortnet.gov.in पर जाना होगा।
इससे पहले आपका मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल (my crop my details portal) पर पंजीकरण होना चाहिए तभी आप लहसुन खेती सब्सिडी योजना में आवेदन कर पाएंगे। इसमें आवेदन करने के लिए आपको आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, आधार से लिंक मोबाइल नंबर, आपके खेत के कागज, बैंक खाता पासबुक की स्कैन कॉपी अपलोड करना पड़ेगी।