CBSE Exams : साल में दो बार बोर्ड एग्जाम दोनों देना जरूरी नहीं, आगामी साल से नई व्यवस्था लागू
CBSE Exams: It is not necessary to give both board exams twice a year, new system will be implemented from next year.

CBSE Exam: केंद्रीय शिक्षा (central education)मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं (examinations)में साल में दो बार शामिल होना अनिवार्य (Mandatory)नहीं होगा। उन्होंने कहा कि एक बार अवसर मिलने के डर से होने वाले तनाव को घटाने के लिए यह विकल्प पेश किया जा रहा है। प्रधान ने कहा कि हमारी कोशिश है कि 2024 से साल में दो बार परीक्षाएं आयोजित की जाएं।
प्रधान ने एक मीडिया को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि विद्यार्थियों के पास इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई की तरह ही साल में दो बार (10वीं और 12वीं कक्षाओं की बोर्ड) परीक्षा में शामिल होने का विकल्प होगा। वे अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर चुन सकते हैं लेकिन यह वैकल्पिक होगा, कोई बाध्यता नहीं होगी।

अंकों से संतुष्ट नहीं तो दें अगली परीक्षा केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विद्यार्थी (CBSE Exams) अक्सर यह सोचकर तनावग्रस्त हो जाते हैं कि उनका एक साल बर्बाद हो गया, उन्होंने मौका गंवा दिया या वे बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। उन्होंने कहा कि यदि विद्यार्थी परीक्षा के पहले सेट में प्राप्तांक (स्कोर) से संतुष्ट है, तो वह अगली परीक्षा में शामिल न होने का विकल्प चुन सकता है तथा कुछ भी अनिवार्य नहीं होगा।
अगस्त में घोषित हुई एनसीएफ की घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा अगस्त में घोषित नई पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित होंगी। प्रधान ने कहा कि साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने की योजना पर उन्हें विद्यार्थियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।
विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसर स्थापित करने पर विचार मंत्री ने कहा कि दो आईआईटी दिल्ली और मद्रास अपने विदेशी परिसरों (CBSE Exams) की स्थापना के अग्रिम चरण में हैं और कई अन्य देशों के साथ बातचीत जारी है। प्रधान ने कहा कि विदेश मंत्रालय इसका समन्वय कर रहा है।
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स्टूडेंट्स का तनाव होगा खत्म – CBSE Exams
शिक्षा मंत्री ने कहा कि दो बार परीक्षा की विंडो हो तो स्टूडेंट्स को ये नहीं सोचना होगा कि उनका एक साल बर्बाद हो गया। उन्होंने बताया कि इस साल अगस्त में शिक्षा मंत्रालय ने न्यू करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के तहत साल में दो बार परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया था और हम कोशिश करेंगे कि 2024 से साल में दो बार परीक्षा करवा सकें।
धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि NFC 2023 के लागू होने के बाद उन्होंने कई स्टूडेंट्स से खुलकर चर्चा की और स्टूडेंट्स इस व्यवस्था से खुश नजर आ रहे हैं। इस व्यवस्था से स्टूडेंट्स (CBSE Exams) में परीक्षा को लेकर होने वाले तनाव और डर में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्ट्रेस- फ्री माहौल देना हम सबकी जिम्मेदारी है।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि ये अल्टरनेट सिस्टम हम सिर्फ स्टूडेंट्स का तनाव कम करने के लिए लेकर आए हैं। इस व्यवस्था से ऐसे स्टूडेंट्स को दोबारा मौका मिल जाएगा जो किसी वजह से अच्छा स्कोर नहीं कर पाए हैं।

शैक्षणिक और व्यावहारिक कौशल में तालमेल बना रहे – CBSE Exams
प्रधान के मुताबिक, शिक्षा व कौशल विकास मंत्रालय 21वीं सदी के कार्यस्थल क्षेत्र में नई पीढ़ी को तैयार करने के लिए साथ काम कर रहे हैं। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम छात्रों को शैक्षणिक और व्यावहारिक कौशल, दोनों प्रदान करने के लिए तालमेल बना रहे हैं।
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