Call Recording : सावधान ! मोबाइल पर कॉल रिकॉर्डिंग करने पर होगी 2 साल की जेल, 1 लाख का जुर्माना भी
Call Recording: Be careful! Recording calls on mobile will result in 2 years jail and a fine of Rs 1 lakh.

Call Recording : भारत में अधिकांश लोग कॉल रिकॉर्डिंग के कारण परेशान रहते हैं, लेकिन कुछ लोगों को यह बात पता नहीं होगी कि कॉल रिकॉर्डिंग करना एक अपराध है। दरअसल, देश की एक हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इसे अपराध बताया है। यह संवैधानिक रूप से भी एक कानूनन जुर्म है।
कॉल रिकॉर्ड करने पर 2 साल की जेल और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि आप की कोई कॉल रिकॉर्डिंग कर लेता है तो आप आईटी एक्ट की धारा 72 में शिकायत कर सकते हैं।

हाई कोर्ट ने दिया फैसला – Call Recording
फोन रिकॉर्डिंग के मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि किसी भी सूरत में कॉल रिकॉर्डिंग को साक्ष्य के तौर पर अदालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट के मुताबिक बिना मंजूरी मोबाइल फोन कॉल को रिकार्ड करना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार का उल्लंघन है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उस फैसले को भी रद्द कर दिया है, जिसमें सबूत के तौर पर रिकार्डिंग को पेश करने की इजाजत दी गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता पत्नी से हुई बातचीत को उनकी जानकारी के चुपचाप रिकॉर्ड कर लिया। यह कारगुजारी संवैधानिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।

जानें क्या हैं मामला? – Call Recording
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में पत्नी ने फैमिली कोर्ट से पति से गुजारा भत्ता दिए जाने के लिए आवेदन दिया था। इस आवेदन के बाद पति ने फैमिली कोर्ट में पत्नी की बातचीत की रिकॉर्डिंग करने और उसको उसे कोर्ट में साक्षी के रूप में पेश करने की मंजूरी मांगी थी।
पति ने पत्नी के चरित्र पर भी आरोप लगाया था। पति की मांग को फैमिली कोर्ट ने मंजूरी देकर कॉल रिकॉर्डिंग को साक्ष्य के तौर पर लिया। इस फैसले के खिलाफ पत्नी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
- Also Read : Majedar Paheliyan : मध्य कटे तो बनता कम, अंत कटे तो कल, लेखन में मैं आती काम, सोचो तो क्या मेरा नाम?

अब जानें क्या है कानून? – Call Recording
यदि अगर किसी की इजाजत के बिना मोबाइल या फोन रिकॉर्ड की जाती है तो वह आईटी एक्ट-2000 की धारा 72 का उल्लंघन है। इसके तहत किसी भी इलेक्ट्रानिक डिवाइस के जरिए व्यक्ति की मंजूरी के बिना उससे जुड़ी सूचना, दस्तावेज या अन्य सामग्री हासिल करना और उसे उसकी मंजूरी या जानकारी के बिना सार्वजनिक करना धारा-72 का उल्लंघन है। इसके तहत दो साल की सजा और एक लाख जुर्माने का प्रावधान है।