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Betul News: उफनती नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण, पुल न होने से बढ़ी मुश्किलें

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Betul News: उफनती नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण, पुल न होने से बढ़ी मुश्किलें

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Betul News: बैतूल। आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत सालबर्डी के ग्राम पंचऊमरी में पहुंचकर जिला पंचायत सदस्य उर्मिला गव्हाड़े ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। ग्रामीणों ने मांडू नदी पर पुल न होने के कारण रोज़ाना की जिंदगी में आ रही परेशानियों का दर्द बयां किया। उर्मिला गव्हाड़े ने ग्रामीणों की व्यथा सुनकर उन्हें भरोसा दिलाया कि जल्द ही पुल निर्माण और सड़क की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

ग्रामीणों ने बताया कि उनका गांव मांडू नदी के उस पार स्थित है और गांव तक पहुंचने के लिए उन्हें नदी पार करनी पड़ती है। मांडू नदी पर पुल न होने की वजह से ग्रामीणों को कमर तक गहरे पानी में उतरकर अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है। नदी का बहाव तेज होता है, जिससे हर साल कई लोग बह जाते हैं। बारिश के मौसम में यह समस्या और भी विकराल हो जाती है।

ग्रामीणों ने कहा कि मांडू नदी में बाढ़ के समय पानी का स्तर इतना बढ़ जाता है कि गांव का बाहरी दुनिया से संपर्क टूट जाता है। कई बार नदी में बहने वाले ग्रामीणों की लाशें तक नहीं मिल पातीं। मजदूरी के लिए जाने वाले पुरुष और महिलाएं जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं। बीमार ग्रामीणों को डॉक्टर तक नहीं पहुंचाया जा सकता और एम्बुलेंस गांव में नहीं पहुंच पाती, जिससे दुर्घटनाएं हो जाती हैं।

गांव के बच्चों की शिक्षा पर भी असर (Betul News)

गांव के अंदर की सड़कों की हालत भी बहुत खराब है। इस वजह से बच्चे नियमित स्कूल नहीं जा पाते, जिससे उनकी शिक्षा प्रभावित होती है। गांव के लोग भी दिक्कतों के चलते बाहर मजदूरी करने जाते हैं, लेकिन मांडू नदी को पार करना उनके लिए रोज़ाना एक संघर्ष बन चुका है।

जिला पंचायत सदस्य उर्मिला गव्हाड़े ने दिया आश्वासन, जल्द होगा समाधान

जिला पंचायत सदस्य उर्मिला गव्हाड़े ने पंचऊमरी, घोरपेड, सोनमऊ और अन्य ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और उन्हें आश्वासन दिया कि वे केंद्रीय राज्य मंत्री से मुलाकात कर पुल और सड़क की समस्याओं का निराकरण करवाने की पूरी कोशिश करेंगी।

उन्होंने कहा कि यह समस्या गंभीर है और इसे जल्द से जल्द हल करना आवश्यक है। इस मौके पर उनके साथ रमेश गव्हाड़े, उत्तम गव्हाड़े, प्रीतम लाजीवार, भूदू बारस्कर, कृष्णाराव डांगे, नत्थू गव्हाड़े, ज्ञानराव इवने, फगन इवने, मुन्ना इवने, प्रमिला धुर्वे, विमला इवने, मनीराम इवने और रामराव इवने सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे।