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Betul News: गोधना के चण्डी दरबार पर आदिवासी समाज ने जताया मालिकाना हक, ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन

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Betul News: गोधना के चण्डी दरबार पर आदिवासी समाज ने जताया मालिकाना हक, ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन

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Betul News: बैतूल। ग्राम पंचायत गोधना के ग्रामीणों ने कुल देवी मां चण्डी दरबार को यथावत आदिवासी समाज को सौंपने की मांग को लेकर सरपंच संतोष (चिक्का) टेकाम के नेतृत्व में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। टेकाम ने बताया कि गोधना के चण्डी दरबार का आदिवासी समाज से गहरा संबंध है और यह देवस्थान आदिवासी समाज की कुल देवी मां चण्डी का प्राचीन स्थल है।

ज्ञापन के अनुसार, इस स्थान की स्थापना राजा इल और उनकी पत्नी द्वारा की गई थी, जिन्होंने अपनी कुल देवी मां चण्डी की आराधना की थी। मां चण्डी के आशीर्वाद से यह स्थल देशभर में प्रख्यात हुआ। यहां राजा इल और उनकी पत्नी के दो प्राचीन किले भी मौजूद हैं, जो इस स्थान की ऐतिहासिकता को दर्शाते हैं। आदिवासी समाज के लोग इसे अपनी कुल देवी के रूप में पूजते हैं और हर वर्ष चैत्र और शारदीय नवरात्रि के दौरान यहां हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं।

हरि यादव द्वारा कब्जा करने का आरोप

आदिवासी समाज के सरपंच और ग्रामीणों का कहना है कि हरि यादव कई वर्षों से इस देवस्थान पर अपना मालिकाना हक बता रहे हैं और यहां की भूमि को विक्रय करने का प्रयास कर रहे हैं। यादव पर यह भी आरोप है कि उन्होंने देवस्थान की संपत्ति पर कब्जा कर रखा है। सरपंच टेकाम ने ज्ञापन में कहा कि यह स्थल राजा इल के शासनकाल में मां चण्डी के भव्य मंदिर निर्माण के लिए छोड़ा गया था।

आदिवासी समाज के बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने इस मंदिर को बनते हुए देखा है, और यह स्थल सदियों से आदिवासी समाज का पूजनीय स्थान है। पुरानी राजस्व दस्तावेजों और रिकार्ड्स के आधार पर उन्होंने बताया कि खसरा नंबर 1917-18 (मिसल किस्तबंदी 537) में भी इस स्थान का उल्लेख मिलता है।

पुरातत्व विभाग से जांच करने की मांग (Betul News)

ज्ञापन में सरपंच टेकाम और ग्रामीणों ने पुरातत्व विभाग से इस स्थान की जांच करने और प्राचीन किलों की स्थिति का अवलोकन करने की मांग की है। उन्होंने आग्रह किया है कि इस देवस्थान को आदिवासी समाज को सौंपने की कृपा की जाए ताकि वे अपनी कुल देवी की पूजा-अर्चना जारी रख सकें। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि आदिवासी समाज के साथ अन्य समाज भी यहां आकर माता के चमत्कारों से प्रेरित होते हैं और अपनी मन्नतें मांगते हैं।

ज्ञापन के माध्यम से आदिवासी समाज ने अपनी कुल देवी मां चण्डी के दरबार को यथावत बनाए रखने के लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से न्याय की मांग की है। ज्ञापन की प्रतिलिपि केन्द्रीय राज्यमंत्री डीडी. उइके, नर्मदापुरम संभाग के कमिश्नर, विधायक घोड़ाडोगरी गंगा सज्जनसिंह उइके और तहसीलदार चिचोली को प्रेषित की है। ज्ञापन देने वालों में सुगरती चावड़े, सुखदेव यादव, चाहत आर्य, मनोहरी, तुलसी उइके, अजय आर्य, बिसना करोचे, नितेश आर्य, अर्जुन, मूलचंद इवने आदि ग्रामीण शामिल थे।