चिखलार के कृषक बोले, तार फेसिंग लगाएं, नुकसान से बचाएं
Betul News: बैतूल। चिखलार गांव के किसानों की फसलें लगातार वन्य प्राणियों के हमले से तबाह हो रही हैं। इससे परेशान किसानों ने वन विभाग से अपनी खेतों की सुरक्षा के लिए तार फेसिंग लगाने की मांग की है। गांव के श्रीराम, राकेश धुर्वे, लिप्पू उइके, दीपक मूलचंद, गब्बर उइके, और मनोज कोटवार ने वन मंडलाधिकारी उत्तर बैतूल को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी समस्या रखी।
किसानों ने बताया कि उनकी खेती ग्राम चिखलार की वन विभाग की शासकीय भूमि खसरा नंबर 40/2 और 161 के पास स्थित है। यह भूमि वन विभाग के जंगल से लगी हुई है, और यहां कीमती सागौन जैसे पेड़ हैं। तार फेसिंग न होने के कारण उनकी फसलें वन्य प्राणियों द्वारा नष्ट हो रही हैं।
जंगल में अवैध लकड़ी कटाई और रेत उत्खनन भी जोरों पर है। किसानों का कहना है कि आम लोग जंगल में अवैध तरीके से प्रवेश कर वहां से लकड़ी और मिट्टी चोरी कर रहे हैं। इतना ही नहीं, जंगल की मिट्टी खोदकर अवैध ईंटों का निर्माण भी किया जा रहा है।
ज्ञापन में यह भी बताया गया कि वन विभाग की शासकीय भूमि से खसरा नंबर 39 से लेकर 54 तक कीमती सागौन और अन्य पेड़ हैं, जिन्हें बचाने के लिए तार फेसिंग जरूरी है। अगर तार फेसिंग कर दी जाती है, तो किसानों की फसलें बच सकेंगी और जंगल के पेड़ और वन्य प्राणी भी सुरक्षित रहेंगे।
किसानों ने मांग की है कि खसरा नंबर 40/2 से 161 तक की पूरी शासकीय भूमि पर तार फेसिंग कराई जाए, ताकि उनकी फसलें वन्य प्राणियों के हमलों से बच सकें और अवैध गतिविधियों पर भी रोक लगे।