Betul News: बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी तहसील के दानवाखेड़ा गांव में बीते गुरुवार एक अधेड़ व्यक्ति की नदी में डूबने से मौत हो गई थी। जिसके शव को पुलिस और ग्रामीणों की मदद से 1 अगस्त को कंधे पर रखकर 10 किमी पैदल चलकर पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचाया गया। जिसका वीडियो शुक्रवार दोपहर को सामने आया है। दरअसल, गांव में कच्ची सड़क होने के कारण वाहन लोगों के घर तक नहीं पहुंच सकता है। यही वजह से कि ग्रामीणों को दोनों तरफ से शव को कंधे पर लादकर लाना और ले जाना पड़ा। पुलिस ने शव का पीएम कराकर आज परिजनों को सौंप दिया है।
बैतूल जिले की घोड़ाडोंगरी तहसील के दानवाखेड़ा गांव में नदी में डूबने से उदन शाह (55) की 1 अगस्त को मौत हो गई थी। जिसकी सूचना मिलने पर चोपना पुलिस मौके पर पहुंची। रामपुर से दानवाखेड़ा गांव तक करीब 10 किलोमीटर तक पक्की सड़क नहीं होने और बारिश के कारण कीचड़ की वजह से गांव तक कोई भी वाहन नहीं पहुंच सका।
जिसके कारण चोपना पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव को कंधे पर उठाकर करीब 10 किलोमीटर सड़क तक रामपुर लाया। जहां से ट्रैक्टर के माध्यम से शव को घोड़ाडोंगरी अस्पताल लाया गया। जहां पर शव का पोस्टमॉर्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। हालांकि, दोबारा शव को दानवाखेड़ा ले जाने के लिए ग्रामीणों को रामपुर से दानवाखेड़ा तक कीचड़ भरी सड़क पर शव को कंधे पर उठा कर ले जाना पड़ा। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया।
शव को ग्रामीणों की मदद से पुलिसकर्मियों ने कंधे पर उठाकर रामपुर तक पहुंचा
चोपना थाना प्रभारी राकेश सरियाम ने बताया कि दानवाखेड़ा गांव निवासी उदन शाह (55) अपनी दूसरी पत्नी के घर से पहली पत्नी के घर जा रहा था। लेकिन वह घर नहीं पहुंचा। जिस पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू कर दी। आसपास तलाश करने के बाद गांव के ही पास नदी में उसका शव मिला।
जिसकी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे। गांव तक पहुंचाने के लिए पक्की सड़क नहीं होने के कारण जैसे तैसे गांव तक पहुंचे। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से पुलिसकर्मियों एसआई राकेश सरियाम, एएसआई राजेश कलाम, आरक्षक विवेक यादव, आशुतोष भोजने और 100 डायल के दीपक मालवी ने शव को कंधे पर उठाकर करीब 10 किलोमी जिटर दूर रामपुर तक शव को लाया गया। जिसके बाद रामपुर से शव को वाहन से घोड़ाडोंगरी अस्पताल लाया गया। जहां पर शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया।
2 घंटे तक कंधे पर शव उठाकर चलते रहे
मृतक के भाई जगन सिंह ने बताया भाई की नदी में डूबने से मौत हो गई थी। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए घोड़ाडोंगरी अस्पताल लाना। रामपुर से दानवाखेड़ा तक 10 किलोमीटर तक पक्की सड़क नहीं होने के कारण शव को कंधे पर उठाकर 2 घंटे तक चलते रहे। रामपुर से शव को वाहन में रख घोड़ाडोंगरी अस्पताल लाया गया। वहीं वापस घर ले जाने के लिए दोबारा रामपुर से दानवाखेड़ा तक शव को कंधे पर रखकर ले जाना पड़ा।