आयोग के नोटिस के बावजूद नहीं हुआ समस्या का समाधान, डिप्टी कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
Betul News: बैतूल। ग्राम चिखलार के आदिवासी किसान और ग्रामीण ने विद्युत कनेक्शन के लिए प्रशासन के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त कर रहे हैं। स्थाई बिजली कनेक्शन के अभाव में उनकी खेती और बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। इस मुद्दे को लेकर सभी ग्रामीणों ने डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
आदिवासी कृषक समुदाय की इस गंभीर समस्या पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने वर्ष 2020 में संज्ञान लेकर बैतूल कलेक्टर को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए थे परंतु आयोग के निर्देशों पर आज तक कार्यवाही नहीं हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि सहायक आयुक्त और खेड़ला पंचायत सचिव द्वारा फंड की कमी बताकर आदिवासियों को शासन की योजनाओं से वंचित किया जा रहा है।
ग्राम चिखलार के आदिवासी कृषक विक्रमसिंह पिता विश्रामसिंह, मनोज पिता चैतराम, मयूर धुर्वे पिता श्याम धुर्वे, गीता मसराम, पुनु उइके, गुलाब पिता जंगू उइके, सुन्दरलाल पिता मंगलू, भंगू पिता गोरी, दीपक ठाकुर पिता सूपसिंग ठाकुर, किसन उइके और जसवंत आहके सहित अन्य किसान अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर हैं। उनकी कृषि भूमि पर कपिल धारा योजना के अंतर्गत कुएं का निर्माण हुआ है, परंतु बिजली कनेक्शन न होने के कारण सिंचाई के साधन सीमित हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली की कमी के चलते वे अपनी फसलों की उचित देखभाल नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।
आयोग ने कलेक्टर को जारी किया था नोटिस
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने इस मामले में दिनांक 11 सितंबर 2020 को कलेक्टर बैतूल को नोटिस जारी किया था, जिसमें आदिवासियों के सामाजिक और आर्थिक विकास के तहत उन्हें स्थाई बिजली कनेक्शन देने का निर्देश दिया गया था। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 338 के अंतर्गत आयोग ने यह भी कहा था कि आदिवासियों को समान अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। इसके बावजूद आज तक कनेक्शन नहीं मिला है, जिससे आदिवासी बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है और वे मुख्य धारा से जुड़ने में असमर्थ हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि इस मामले को लेकर ग्राम पंचायत चिखलार द्वारा सहायक आयुक्त बैतूल और विद्युत कंपनी को प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। ग्रामीणों ने अपने ज्ञापन में यह भी कहा है कि प्रशासनिक अनदेखी के चलते वे शासन की योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं और आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से निवेदन किया है कि उनकी समस्याओं को समझा जाए और जल्द से जल्द स्थाई बिजली कनेक्शन प्रदान कर उनकी आर्थिक स्थिति और बच्चों की शिक्षा के लिए मदद की जाए।
कलेक्टर से सी.सी. रोड निर्माण की मांग
ग्रामीणों ने सड़क की समस्या को भी प्रमुखता से उठाया और बताया कि बरसात के मौसम में यदि कोई बीमार हो जाए, तो उसे डॉक्टर के पास ले जाना भी मुश्किल हो जाता है, और बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। इलाज में देरी के कारण कई बार गंभीर स्थितियों का सामना करना पड़ता है। ग्राम पंचायत, कलेक्टर, सहायक आयुक्त, विधायक एवं सांसद महोदय को पूर्व में कई बार आवेदन देने के बावजूद अभी तक पक्की सड़क का निर्माण नहीं हुआ है, जिससे ग्रामीण आधुनिकता और राज्य की मुख्य धारा से वंचित रह जाते हैं।
विद्युत कनेक्शन एवं पक्की सड़क निर्माण के लिए ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव पारित कर विगत 13 अक्टूबर 2024 को सहायक आयुक्त जनजाति विभाग को प्रेषित किया गया था, लेकिन ग्रामीणों की इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान देना तक उचित नहीं समझ गया।