Betul Ki Taza Khabar:(बैतूल)। आशा-उषा कार्यकर्ताओं को 10 हजार रुपये मानदेय दिए जाने सहित अन्य लंबित मांगों को लेकर जिले की आशा-उषा कार्यकर्ता आंदोलन की राह पर है। कार्यकर्ता मंगलवार से आशा-उषा कार्यकर्ता महिला संगठन के बैनर प्रदेश अध्यक्ष नर्मदा ठाकरे, जिलाध्यक्ष शबाना शेख के नेतृत्व में जिला उद्योग कार्यालय केंद्र के सामने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। जिला अध्यक्ष ने बताया जायज मांगों को लेकर कार्यकर्ताओं ने अनेकों बार जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर मांगों को पूर्ण किए जाने का आग्रह किया, लेकिन आज दिनांक तक मांगों को पूर्ण नहीं किया गया है।
इससे आशा-उषा कार्यकर्ताओं में सरकार के प्रति आक्रोश है। उन्होंने बताया प्रदेश की अधिकांश आशा कार्यकर्ता केवल 2 हजार रूपए मासिक अल्प वेतन में काम कर रही है। जबकि आन्ध्र प्रदेश में राज्य सरकार 8000 रूपये अपनी ओर से मिला कर आशाओं को अतिरिक्त वेतन दे रही है, लेकिन मप्र सरकार पिछले 16 वर्षों से आशा को कुछ भी नहीं दे रही। प्रदेश सरकार ने जिन 7 कामों की राशि को दुगना करने का आदेश जारी किया है, इसका भुगतान नहीं हो रहा है और अधिकांश आशाओं को इसका लाभ नहीं मिल रहा।
कार्यकर्ताओं को मिल रहा 2 हजार रूपए मानदेय
वर्तमान में देश के सभी केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के द्वारा अकुशल श्रमिक के लिये न्युनतम वेतन किये जाने की मांग कर रही है, जबकी मध्यप्रदेश की आशा भी केवल 2000 रूपये की बेहद अल्प वेतन में काम करने के लिये विवश है। इस परिस्थिती में आशा उषा महीला संगठन मध्य प्रदेश व्दारा न्यायपुर्ण वेतन की मांग को लेकर इस विधानसभा के अंतीम बजट सत्र के दौरान 14 मार्च अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया उसके बाद यदि मांगों को पूर्ण नहीं किया गया तो आगामी 3 अप्रैल से कार्यकर्ता द्वारा भोपाल नीलम पार्क पहुंचकर प्रदेश स्तर पर भूख हड़ताल की जाएगी। मंगलवार को धरना स्थल पर जिलेभर की आशा-उषा कार्यकर्ता मौजूद रही।
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