Betul Ki Khabar: बैतूल। बैतूल के साई मंदिर में चल रही तीन दिवसीय कथा के पहले दिन श्रद्धालु भक्ति में झूम उठे। विदिशा से आए पंडित सुनील खत्री महाराज ने साई चरित्र का महात्म्य अपने मुखारबिंद से सुनाया। कथा के दौरान खत्री महाराज ने बताया कि साईं बाबा का आगमन शिर्डी में कैसे नीम वृक्ष के नीचे हुआ और साईं नाम कैसे पड़ा।
उन्होंने इस पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला और बाबा की कई लीलाओं से भक्तों को अवगत कराया। खत्री महाराज ने बैतूल के साईं भक्तों को भाग्यशाली बताया और कहा कि बाबा की चरण पादुका महालसा पति के वंशज बैतूल लेकर आए हैं, जिससे सभी साई भक्तों को दर्शन का सौभाग्य मिलना चाहिए।
खत्री महाराज ने बताया कि साईं बाबा अध्यात्मिक संत हैं और उनके बताए मार्ग पर चलकर व्यक्ति भौतिक जीवन के कष्टों से मुक्त हो सकता है। उन्होंने कहा कि साईं बाबा के चरण पादुका के दर्शन करना बैतूल के साईं भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
Betul Ki Khabar: महालसा पति के वंशज बैतूल लेकर आए साईं बाबा की चरण पादुका
शिव-पार्वती की झांकी रही आकर्षण का केंद्र
कथा में शिवजी और पार्वती की झांकी श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र रही। भक्तों ने इसे बड़े श्रद्धा और भक्ति भाव से देखा। कथा के समापन के बाद, बाबा की आरती में श्रद्धालु झूमते और नाचते नजर आए। बैतूल के साईं मंदिर में यह तीन दिवसीय साईं चरित्र का महोत्सव चल रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं।
भक्तों ने इस आयोजन को साईं बाबा के आशीर्वाद के रूप में देखा और उनकी भक्ति में लीन होकर कथा का आनंद लिया। साईं मंदिर में साईं बाबा की महिमा और उनके चरण पादुका के दर्शन की विशेषता को समझते हुए श्रद्धालु भक्ति के इस अद्भुत महोत्सव में शामिल हो रहे हैं।
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