Betul Crime: नागपुर से भोपाल लौट रहे एक टैक्सी ड्राइवर ने 62 साल की वृद्धा को लिफ्ट देने के बहाने अगवा कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया और भाग निकला था। कोर्ट ने इस आरोपी को 10 साल का कठोर कारावास की सजा दी है। खास बात यह है कि हाईवे से भगोड़े आरोपी को पुलिस ने साइबर सेल की मदद से महज चार दिन में खोज निकाला। पुलिस डायरी में इस मामले को सनसनीखेज मामलों की सूची में रखा गया था।
घटना दो साल पहले जून 2022 की है। जब एक वृद्धा घर से निकलकर एक कार्यक्रम में शामिल होने सड़क से गुजर रही थी। ऑर्थराइटिस की मरीज वृद्धा चलते-चलते थक गई। उसी समय पीछे से एक कार सवार पहुंच गया। उसने वृद्धा को आगे छोड़ने का झांसा देकर कार में बैठा लिया और उसका अपहरण कर सुखतवा की ओर ले जाकर रेप किया था। आरोपी घटना के बाद वृद्धा को रास्ते में छोड़कर भाग निकला था।
यह हुई आरोपी को सजा (Betul Crime)
थाना कोतवाली बैतूल में यह मामला वर्ष 2022 की फाइल में जघन्य अपराध की सूची में शामिल था। इस मामले में कोर्ट ने आरोपी मनोज मालवीय (32) को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
पुलिस और साइबर टीम ने खोज निकाला था आरोपी
इस वारदात का खास पहलू यह था की वृद्धा आरोपी को जानती नही थी। उसे बस इतना पता था की जिस कार में उसका अपहरण कर दुष्कर्म किया गया था वह सफेद रंग की थी। इस पर तत्कालीन एसपी सिमांला प्रसाद और आईजी दीपिका सूरी ने कार और आरोपी को ढूंढने एक टीम गठित की थी।
इस टीम में शामिल रही महिला सेल की प्रभारी कविता राजवंशी ने बताया की आरोपी को ढूंढने भोपाल नागपुर की ओर जाने वाले सारे टोल से उस दिन गुजरी सफेद कारों का पता लगाया गया। लेकिन इससे भी बात नही बनी। ऐसे में साइबर टीम को खोज में जुटाया गया।
इस टीम ने महज एक छोटे से सुराग से उस कार को ढूंढ निकाला। कविता राजवंशी के मुताबिक आरोपी वृद्धा को बैठाकर सुखतवा की और ले गया। उसने रास्ते में शराब की दुकान से शराब खरीदकर पी। इस दौरान वह वृद्धा को पीटता रहा। रास्ते में ही उसने एक सुनसान जगह कार खड़ी कर वृद्धा के साथ दुष्कर्म किया।
उसके बाद उसने एक दुकान पर कार रोककर वृद्धा को चिप्स का पैकेट लाने भेजा। जहां वृद्धा ने उसके साथ हुई वारदात वहां मौजूद लोगों को बताई। लोग आरोपी को पकड़ पाते उससे पहले ही वह कार लेकर भाग निकला। जिसके बाद वृद्धा बैतूल पहुंची। जहां इस मामले की एफआईआर दर्ज की गई थी।
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नंबर बना खोज का जरिया (Betul Crime)
साइबर टीम ने वृद्धा से पूछा था की क्या रेप की घटना के दौरान जहां वाहन रुका था। क्या आरोपी को कोई काल आया था। तब वृद्धा ने बताया की इस दौरान आरोपी को एक काल आई थी।जिस पर उसने कुछ सेकंड बात की थी। साइबर टीम ने जब घटनास्थल के पास के मोबाइल टावर की लोकेशन निकालकर उसके की गई कॉलो को खंगालना शुरू किया तो आरोपी का पूरा चिट्ठा निकल आया।
आरोपी का नंबर मिलते ही पुलिस ने काल किया तो उस पर वारदात के दौरान इस्तेमाल कार का फोटो आ गया। जिसके बाद पुलिस अयोध्या नगर भोपाल निवासी आरोपी मनोज तक पहुच गई।
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डीएनए मैच हुआ, फिंगर प्रिंट भी मिले
पुलिस की जांच में आरोपी और वृद्धा के फिंगर प्रिंट भी कार पर पाए गए। जबकि कार की पिछली सीट पर मिले दृव्य के नमूने भी आरोपी के शुक्राणु से मैच हो गए। उसकी मौजूदगी भी घटनास्थल पर सिद्ध हो गई। वह सवारी छोड़कर नागपुर से लौटा था। लगातार शराब पीने के कारण वह बेहद नशे में भी था। आईजी ने इस मामले में साइबर टीम को पुरुष्कृत भी किया था।